हमेशा खुद के कंधो पे ज़िम्मेदरी लेकर अपनी टीम के लिए खेलते थे,ये चार भारतीय पूर्व बल्लेबाज।
क्रिकेट में हमने कहीं सारे बेहतर बल्लेबाजों को देखा है।वो अपनी टीम के लिए अच्छा योगदान देने की कोशिश करते है।लेकिन कुछ बल्लेबाज ऐसे भी है जो किसी भी परिस्थिति में खेलने से नहीं डरते थे।तो चलिए देखते है वो कोन से बल्लेबाज है।
01.एम एस धोनी
भारतीयपूर्व बल्लेबाज धोनी ने 15 अगस्त के दिन क्रिकेट इंटरनेशनल को अलविदा कहा है।इस खबर से बहुत लोग दुखित हो गए है।मै धोनी का फैन नहीं हूं लेकिन मै खुद अब सोचने लगा हूं,अगर भारत की पांच विकेट जल्दी गिरे तो मै अब किसी को बोल नहीं सकता कि अभी धोनी है।दोस्तो धोनी ने वो किया है क्रिकेट में जो कोई नहीं कर सकता।धोनी ना सिर्फ भारत को खिताब दिलवाया है,उन्होंने भारत के लिए विश्व के सभी बल्लेबाजों से ज्यादा कठिनाई में बॉलबाज़ी की है।
- सुरेश रैना
रैना क्रिकेट में बहुत कम उम्र में एंट्री मारी थी।लेकिन पता नहीं था कि इनका करियर ऐसा ख़तम हो जाएगा।वैसे तो रैना 33 साल के है।लेकिन रैना का करियर 28 साल की उम्र में यानी की 2015 में ही लगभग ख़तम होगाई थी।हालाकि उन्होंने उसके बाद भी 8 से 10 मैच खेले थे।रैना भी धोनी के साथ दबाव में बहुत बढ़िया खेल दिखते थे।अगर धोनी के बाद विश्व में सबसे ज्यादा दबाव में अगर कोई रहता था तो रैना ही थे।
03.गौतम गंभीर
हालात चाहे कितने भी बिगड़े हुवे हो गौतम ना तो रियल लाइफ में अपना मनोबल टूटने देते है,और नाही क्रिकेट में टूटने देते है।हमने देखा है 2011 विश्वकप और 2007 टी20 विश्वकप में गंभीर ने कैसे भारत की जीत के लिए मैदान में आग उगलते हुवे पाकिस्तानी और श्रीलंकन गेंदबाजों से अकेले लड़ रहे थे।गंभीर ने कही बार दबाव में खेलकर भारत जीत दिलाई है।
04.युवराज सिंह
युवी ऐसे बल्लेबाज है जिनकी कोई रणनीति तय नहीं होती।वो हालात देख कर खेलते है।हालात कैसे भी हो खेलने से डरते नहीं है।उन्होंने 2011 और 2007 की विश्वकप में गेंदबाजों की दिज्जिया उड़ाकर भारत को वर्ल्डकप जितवया था।