आलसी शर्मा जी की मजेदार हिंदी कहानी

किसी शहर में एक शर्मा जी अपने परिवार के साथ रहते थे। लेकिन उनकी एक आदत बहुत खराब थी वह बहुत आलसी था वह सुबह जल्दी नहीं उठते थे उन्हें उठते उठते काफी देर हो जाती थी। 1 दिन उनकी बेटी ने उन्हें गुड़िया लाने को कहा शर्मा जी बोले ठीक है बेटी मैं कल ला दूंगा लेकिन वह लाना भूल गए। उनके भूलने का कारण था उनका आलस वह जल्दी नहीं उठ पाते थे इसलिए उन्हें ऑफिस में देर हो जाती थी इसके चलते वह मार्केट जाकर गुड़िया नहीं ले पाए। शर्मा जी को रोज लेट आते देखकर उनके बॉस ने जब उनसे लेट आने का कारण पूछा तब वह बहाना बना दिए कि उनकी गाड़ी पंचर हो गई थी। अब शर्मा जी को रोज आने में लेट होने लगा। यह देखकर उनके बॉस उन्हें रोज पूछने लगे वह रोज रोज बहाना बनाने लगे। एक दिन उनके बॉस ने कहा अगर आप कल से लेट आएंगे तो आपको मुझे दंडित करना होगा। वहां ऑफिस से घर गए तो उनके पिताजी घर पर पूछने लगे कि तुम्हारे बहुत फोन किए थे और बोल रहे थे कि तुम हमेशा लेट आते हो और कोई ना कोई बहाना बनाते हो। बेटा अब आलस छोड़ दो और समय पर अपना काम करो। यह सुनकर शर्मा जी बोले मैं तो आलस को छोड़ना चाहता हूं। पर आलस मुझे नहीं छोड़ना चाहती। तो उसमें मैं क्या कर सकता हूं। यह बोल कर हंसते हुए चले गए।

फिर जब अगले दिन शर्मा जी लेट ऑफिस गए तब उनके बॉस ने उन्हें बुलाकर कहा आप घर सब लोगों से एक घंटा लेट जाएंगे। यह सुनकर शर्मा जी को बहुत धक्का लगा। वह चुपचाप जाकर अपने ऑफिस में काम करने लगे जब 6:00 बजे तक सब की छुट्टी हो गई। तब शर्मा जी के पास वर्मा जी आए और बोले शर्मा जी यहां सब भी के चले जाने के बाद भूत आते हैं। हम भी एक दिन लेट गए थे हमें भूतों ने बहुत परेशान किया था। यह सुनकर शर्मा जी बोले भूत नहीं होते हैं। वर्मा जी वहां से चले गए उसके बाद शर्मा जी सोचने लगे कि बॉस को लगता है कि मुझे एक घंटा रुकने से मैं उनका एक घंटा काम करूंगा। मैं तो चला सोने यह बोलकर पास टेबल पर सिर रख कर सो गए। कुछ देर बाद उन्हें आवाज सुनाई दी तो वह जाग गए उन्होंने इधर उधर देखा तो कोई नहीं था। और फिर सो गए फिर कुछ देर बाद आवाज आई तो उनकी फिर आंखें खुल गई फिर उन्होंने देखा तो कोई नहीं था। जब वह बाहर निकल कर देखने लगे तब उन्हें एक किताब इधर-उधर फर्श पर चलती हुई दिखाई दी। यह देखकर वह डर गए और भूत भूत चिल्ला कर भागने लगे। उन्हें भागता देख सिक्योरिटी गार्ड जब अंदर आया तो वह भी देखा की पुस्तक फर्श पर इधर-उधर चल रही है। जब वो पुस्तक को उठाया तो उसके नीचे एक चूहा था। शर्मा जी तो डर गए थे इसलिए अगले दिन से वह सुबह उठकर जल्दी ऑफिस आने लगे।

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