इस मंदिर के शिवलिंग में 12 साल में एक बार गिरती है बिजली,जानिए क्यों

आज हम ऐसे मंदिर की बात करेंगे जिसमें 12 साल में एक बार बिजली गिरती है तो चलिए हम आपको बताते हैं वह मंदिर है तो यह मंदिर कुल्लू में 7 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है.

जो कि शिवजी का मंदिर है इस मंदिर में शिव जी का शिवलिंग है जिस पर साल 12 साल में एक बार भी बिजली आकर गिरती है.

मंदिर में एक लकड़ी का 60 फुट का उच्चतम ध्वज है जिसे शिवजी का ध्वज भी कहा जाता है मंदिर में स्थापित शिवलिंग को 12 साल में एक बार सावन के महीने में आकाशीय बिजली आकर गिरती है जो शिवलिंग के टुकड़े-टुकड़े कर देती है.

यहां के पंडित खंडित शिवलिंग के टुकड़ों को मक्खन के साथ जोड़कर दोबारा शिवलिंग तैयार कर देते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुलान्त नाम का अजगर रुपी दैत्य कुल्लू घाटी में निवास करता था। वह बहुत ही कपटी था। एक बार उसने जीवों को मारने की योजना से व्यास नदी को रोक लिया। यह देख भगवान शिव बहुत क्रोधित हुए। उन्होंने उस राक्षस को खत्म करने की ठान ली।

एक दिन भगवान ने माया रची। वह उनके पास गए और बोले तुम्हारी पूंछ में आग लग गई है और जैसे ही वह यह देखने को मुड़ा तो भगवान ने उस पर त्रिशूल से वार कर दिया। इस तरह वह दुष्ट मारा गया और उसका शरीर एक विशाल पहाड़ी में तबदील हो गया था। यही पहाड़ी आज कुल्लू के नाम से जानी जाती है।

कहा जाता है कि शिवलिंग पर बिजली गिराने को भगवान ने स्वंय ही इन्द्र देव को कहा था। ऐसा इसलिए ताकि उनके भक्तों को जो भी कष्ट आए वह भगवान खुद अपने ऊपर ले लें। बिजली महादेव के दर्शनों के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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