ECS क्या होता है? जानिए

ECS या इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विसेज वास्तव में एक बैंक अकाउंट से दूसरे में पैसे भेजने का डिजिटल तरीका है. क्रेडिट सुईस की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल 2023 तक डिजिटल पेमेंट का आंकड़ा एक लाख करोड़ डॉलर को पार कर जायेगा.

क्या है ECS?
आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर बने इसके लिए जरूरी है कि आप अपने सभी पेमेंट ड्यू डेट से पहले करें. अगर आप चाहें तो अपने बैंक अकाउंट से ECS सुविधा द्वारा सभी पेमेंट कर सकते हैं. ECS वास्तव में एक सेवा है जिसकी मदद से ग्राहक एक बैंक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकता है.

अगर आपको हर महीने सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करना है, या आप हर महीने एक निश्चित तारीख को बिजली/पानी/टेलीफोन आदि का बिल पेमेंट करते हैं तो आप इसके लिए बैंक को ECS मेंडेट दे सकते हैं. किसी लोन या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट भी ECS से किया जा सकता है.

ECS वास्तव में दो तरह का होता है:

  1. ECS क्रेडिट
  2. ECS डेबिट

ECS क्रेडिट में वास्तव में किसी संस्थान द्वारा आपके बैंक अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रकम जमा करने का तरीका है. यह आपके वेतन, निवेश से लाभांश आदि पाने का डिजिटल तरीका है.

ECS डेबिट वास्तव में आपको बहुत से चेक काटने आदि जैसे झंझट से आजादी देता है. जब आप कोई लोन लेते हैं तो आपकी मासिक किस्त ECS डेबिट के माध्यम से आपके बैंक अकाउंट से जाती है. इसमें समय से पैसे ट्रांसफर करना याद रखना और चेक पर हुई किसी गलती की वजह से पेमेंट फेल होने और जुर्माने की आशंका खत्म हो जाती है.

अपने बैंक अकाउंट से ECS कैसे सेट अप करें?

  1. अगर आप भी अपने बैंक अकाउंट से ECS पेमेंट की सुविधा लेना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने बैंक को इसकी सूचना देनी होगी. आपका बैंक आपको इसके लिए एक ECS मेंडेट फॉर्म देगा. इस फॉर्म के माध्यम से ही आप बैंक को ECS क्रेडिट/डेबिट का मेंडेट देते हैं.
  2. इसमें आपको अपने बैंक अकाउंट की शाखा एवं अकाउंट से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देनी होती है. आप इस फॉर्म को भरते वक्त ही ECS की अधिकतम रकम के बारे में इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं.
  3. एक बार ECS सेवा शुरू हो जाने के बाद जब भी आपके बैंक अकाउंट से रकम जाएगी या उसमें कोई राशि आएगी, आपको एसएमएस के जरिये इसकी जानकारी मिल जाएगी.

क्या ECS ट्रांजेक्शन की कोई फीस भी है?
बैंकिंग नियामक RBI के मुताबिक ECS के लिए कोई फीस नहीं रखी गयी है. कई बार क्लियरिंग हाउस के हिसाब से बैंक प्रति ट्रांजेक्शन 25 पैसे या 50 पैसे चार्ज ले सकते हैं.

ECS में भी स्टॉप पेमेंट का ऑप्शन होता है?
अगर आप अपना कोई पेमेंट रोकना चाहते हैं तो आप बैंक को इस बारे में खबर कर सकते हैं. इसके लिए बैंक को सूचना जल्द देनी पड़ती है. बैंक इस प्रक्रिया में समय लगाते हैं, इस हिसाब से आपको बैंक को एडवांस ही यह सूचना देनी चाहिए.

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