जानिए क्या आप भी विश्वास करते हैं सेक्स से जुड़ी इन बातों में?

लोगों में सेक्स से जुड़ा सबसे बड़ा भ्रम है कि पॉर्न फिल्म में दिखाई गई कर चीज सही होती है, जो पूरी तरह गलत है। सबसे पहली बात पॉर्न मूवी एक सिनेमा है, जिसे बनाने में कई चीजें और फैक्टर भूमिका निभाते हैं। दूसरा पॉर्न मूवी का उद्देश्य पैसा कमाना होता है, जिसके लिए वह लोगों को दिलचस्प और अलग बनाते हैं।

लेकिन, पॉर्न मूवी में दिखाई जाने वाली हर चीज सही और सभी पर लागू नहीं होती। जैसे- जरूरी नहीं कि हर महिला या पुरुष एनल सेक्स करने में सहजता महसूस करें या जरूरी नहीं कि सेक्शुअल इंटरकोर्स रियल लाइफ में भी उतना आनंददायक या उतनी देर चले जैसा फिल्म में दिखाया गया हो।

अक्सर पॉर्न फिल्म में दिखाई गई ज्यादातर चीजें प्लाटेड रहती हैं, चाहे वो एक्साइटमेंट की आवाजें हों, दवाओं से कंट्रोल किया गया इरेक्शन हो या फिर महिला का ऑर्गैज्म।

यह सच नहीं है कि सेक्स में हर बार दर्द होता ही है। दरअसल, सेक्स करने से आपकी बॉडी रिलैक्स होती है और उसे आराम मिलता है। हालांकि, पहली बार इंटरकोर्स करने पर वजायना की मसल्स खुलने की वजह से उसमें कुछ दर्द हो सकता है, लेकिन ज्यादा दर्द होना एक समस्या हो सकती है।

अगर, महिलाओं को सेक्स करने पर हर बार दर्द होता है, तो यह कुछ शारीरिक दिक्कतों के कारण हो सकता है। जैसे- वजायना का नेचुरल ल्यूब्रीकेशन न करना, वजायना में मसल्स या टिश्यू इंजुरी होना आदि। इसके अलावा, हो सकता है कि सेक्स करने की प्रक्रिया में कुछ गलती हो सकती है।

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