कोरोना वायरस की इन खबरों पर भूलकर भी न करना यकीन

सूर्य की रोशनी से कोरोना मारा जा सकता है
सूर्य की रोशनी में मौजूद पैराबैंगनी किरणें कोरोना वायरस को खत्म कर देती हैं। इसलिए हम सभी को सूर्य की रोशनी में ज्यादा से ज्यादा देर रहना चाहिए। पोस्ट के वायरल होते ही कोरोना वायरस फैक्ट चेक करने के लिए किसी ने सीधा डब्ल्यूएचओ से यह सवाल कर दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि, यह सिर्फ एक मिथ है। क्योंकि, सूर्य की रोशनी में मौजूद पैराबैंगनी किरणों द्वारा कोरोना वायरस खत्म करने का कोई सबूत नहीं है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक पोस्ट में लिखा है कि, ‘इटली में अमीर लोगों ने अपने सारे रुपये सड़कों पर फेंक दिए। क्योंकि, यह लोगों को बचाने में काम नहीं आ रहे।‘ इसके साथ एक फोटो भी शेयर की जा रही है।

यह खबर भारत में भी बहुत वायरल हुई। लेकिन कोरोना वायरस फैक्ट चेक की हकीकत यह है कि, यह फोटो मार्च 2019 में वेनेजुएला की है और सड़कों पर बिखरे नोट पुरानी करेंसी की है। क्योंकि, वहां नई करेंसी की शुरुआत कर दी गई थी, इसलिए लोगों ने पुरानी करेंसी को सड़कों पर फेंक दिया था।

पिछले दिनों वाट्सएप, फेसबुक, हर सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही थी। जिसमें एक व्यक्ति की रोते हुए फोटो वायरल की गई थी और पोस्ट में कहा गया था कि, ‘इटली में टेक्नोलॉजी और हेल्थ केयर फेसिलिटी एडवांस होने के बावजूद वहां लोगों के मरने की संख्या कम नहीं हो रही है। वहां के प्रेसिडेंट ने रोते हुए, कहा कि स्थिति हमारे हाथ से निकल गई है।’ कोरोना वायरस फैक्ट चेक में यह खबर भी झूठ निकली। क्योंकि जो व्यक्ति रो रहा है, वो इटली नहीं ब्राजील के प्रेसिडेंट जेर बोलसोनारो है और यह फोटो कुछ महीने पहले की है, जिसका कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

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