नई शिक्षा नीति में स्कूलों के क्लस्टर बनेंगे; शिक्षक समेत सभी संसाधन साझा हो सकेंगे

नई शिक्षा नीति में सरकारी स्कूलों के प्रशासन में भी बड़ा बदलाव हुआ हैl अब स्कूलों का प्रबंधन कॉन्प्लेक्स या क्लस्टर के तौर पर होगाl यह क्लस्टर स्कूल शिक्षा में गवर्नेंस की मूल इकाई होगीl स्कूल कॉन्प्लेक्स के तहत आसपास के छोटे स्कूलों को एक सांगठनिक और प्रशासनिक इकाई के तहत लाया जाएगाl एक सेकेंडरी स्कूल इनमें प्रमुख होगा, जबकि उसके आसपास के इलाके के सभी सरकारी स्कूल इसके तहत आएंगेl इससे इन सभी स्कूलों के संसाधनों को आपस में साझा करने में मदद मिलेगीl इन स्कूलों में पुस्तकालय, प्रयोगशाला, सोशल वर्कर काउंसलर और विशेष विषयों के शिक्षकों जैसे संसाधन साझा किए जा सकेंगेl इसके अलावा देश भर में एक सरकारी और एक निजी स्कूल को साथ जोड़ने की बात भी नीति में हैl

स्कूलों के लिए मानक तय करने और मान्यता देने इत्यादि में भी नई शिक्षा नीति में बदलाव किया गया हैl इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वतंत्र स्टेट स्कूल स्टूडेंट्स अथॉरिटी गठित करनी होगीl सरकारी और निजी स्कूलों का मूल्यांकन एक जैसे क्राइटेरिया के आधार पर होगाl

समझिए 5 +3 +4 फार्मूला क्या है

फाउंडेशन स्टेज(3 +2साल) : यह स्तर 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए हैl खेल और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से ही बच्चे सीखेंगेl इसके लिए एनसीईआरटी ढांचा बनाएगाl यह स्तर दो हिस्सों में होगाl पहला 6 साल तक के बच्चे आंगनबाड़ी प्री स्कूल या बाल वाटिका में जाएंगेl विश्व स्तर पर यह आयु बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी गईl वहीं 6 से 8 साल की उम्र में बच्चे पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ेंगेl

प्रीपेरेट्री स्टेज(3 साल) : इसमें 8 से 11 साल के बच्चे कवर होंगेl बच्चे खेल और खोजबीन के जरिए सीखेंगेl इंटरैक्टिव क्लास रूम होंगेl

मिडिल स्टेज (3 साल) : छठी से आठवीं कक्षा तक विज्ञान ,गणित, कला,सामाजिक विज्ञान और मानविकी जैसी विषयों का प्रायोगिक ज्ञान दिया जाएगाl

सेकेंडरी स्टेज (4 साल) : 9वीं से 12वीं तकl इसमें आलोचनात्मक चिंतन विकसित होगाl लचीलापन के साथ छात्र पसंद की विषय चुन सकेंगेl

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