गर्मियों के मौसम में इस प्रकार से चुने अपना सही परफ्यूम

गर्मियों में हम अक्सर ज्यादातर समय पार्टियों, घूमने-फिरने, पहाड़ों तथा समुद्र किनारे तथा खाने-पीने में ज्यादा मशगूल रहते हैं और हमारे ज्यादातर अंग नंगे रहते हैं जिन पर सूरज की किरणें सीधी पड़ती हैं। ऐसे में सही परफ्यूम का चुनाव मुश्किल हो जाता है। गर्मियों में उच्च सान्द्रता के शुद्ध परफ्यूम का चयन करना चाहिए ताकि यह गर्मी तथा आर्द्रता झेल सके।

गर्मियों में जीवन्त, तरोताजा रहना काफी कठिन होता है तथा हम ज्‍यादातर समय ठंडक की तलाश में रहते हैं। गर्मियों में पसीने की बदबू जहां हमारा मूड खराब कर देती है वहीं दूसरी ओर कई बार शर्मिन्दगी भी झेलनी पड़ती है। हालांकि, शरीर से पसीना आना प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन जब यह पसीना बैक्टीरिया से मिलता है तो दुर्गन्ध पैदा होती है।

ज्यादातर डिओड्रेंट शरीर से पसीने को रोकने का काम करते हैं तथा ऐसे में रोल-ऑन की बजाय स्प्रे को ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। गर्मियों के मौसम में हल्की खुशबू का डिओड्रेंट ज्यादा असरदायक माना जाता है क्योंकि तेज खुशबू वाले डियोड्रेंट के प्रयोग से त्वचा में जलन या रिएक्शन हो सकता है।

सही परफ्यूम का चयन करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जिसमें शारीरिक केमिस्ट्री सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि व्यक्ति की पसन्द/नापसन्द काफी अहम भूमिका अदा करती है। इसलिए परफ्यूम को अपनी त्वचा पर परीक्षण के बाद ही प्रयोग में लाना चाहिए।

परफ्यूम की सही खुशबू का अन्दाजा त्वचा के सम्पर्क में आने से ही महसूस किया जा सकता है। परफ्यूम को सूंघने से कतई फायदा नहीं होता बल्कि ज्यादा परफ्यूम सूंघने से आपके सूंघने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

तेज खुशबू वाले परफ्यूम आपको असहज कर सकते है तथा कई बार सिरदर्द का कारण भी बन जाते हैं। ठण्डे तथा शुष्क वातावरण में तेज खुशबू वाले परफ्यूम प्रभावकारी साबित होते हैं। गर्मियों के मौसम में गुलाब, चन्दन, लैवेंडर तथा लेमन खुशबू वाले परफ्यूम हल्के तथा ताजगी भरे महसूस होते हैं। परफ्यूम के चयन में वक्त भी महत्वपूर्ण माना जाता है। दिन के समय में हल्के परफ्यूम उपयोग में लाने चाहिए।

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