लेग एक्सटेंशन व्यायाम के लाभ
पैरों के व्यायाम के कई फायदे हैं। इससे शरीर में रक्त के संचार को सुधारा जा सकता है। दफ्तर में लगातार बैठे रहने वाले लोगों के पैरों में रक्त का संचरण कई बार प्रभावित हो जाता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएं सामने आने लगती हैं। अन्य दूसरे अंगों की तुलना में पैरों की मांसपेशियां जैसे क्वाड्रिसेप्स (जांघों के सामने की मांसपेशियां) को विकसित करना बेहद मुश्किल होता है। यदि आप दिन में बहुत ज्यादा चलते हैं और इससे पैर दर्द करने लगते हैं, तो आपको पैरों का व्यायाम आवश्यक रूप से करना चाहिए। इसके लिए लेग एक्सटेंशन एक बेहतर व्यायाम हो सकता है। यह आपके क्वाड्स को आकार देने और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में काफी लाभदायक है। इससे आपके घुटनों पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव भी कम होता है।
जिम मे लेग-डे के व्यायामों में आपको लेग एक्सटेंशन को भी शामिल करना चाहिए। यदि मांसपेशियों को बढ़ाने के साथ क्वाड मांसपेशियों को मजबूत करना चाहते हैं तो भी लेग एक्सटेंशन आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। 20वीं शताब्दी के मध्य में बॉडी बिल्डरों के बीच यह व्यायाम काफी पसंदीदा बन गया। इस व्यायाम को करने के लिए मशीनों का निर्माण भी हुआ।
लेग एक्सटेंशन व्यायाम के दौरान सामान्य रूप से दो प्रमुख अभ्यास किए जाते हैं। घुटने की मदद से पैरों को मोड़ना और सीधा करना। आमतौर पर जब हम उपकरणों के साथ कोई भी व्यायाम करते हैं तो उससे चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन, चूंकि इस व्यायाम को सामान्य रूप से किया जा सकता है, इसलिए पेशेवरों के बीच यह व्यायाम काफी पसंदीदा बन गया।
इस व्यायाम का मुख्य फायदा जांघों के सामने की मांसपेशियों को बढ़ाना और उन्हें मजबूती देना होता है। इस व्यायाम को अगर सही ढंग से किया जाता है तो जांघों को घुटने से जोड़ने वाले ऊतकों और जोड़ों को भी मजबूत बनाया जा सकता है। इस व्यायाम के दौरान मुख्य रूप से मांसपेशियों के समूहों को लक्षित किया जाता है। जांघों के पिछले हिस्से की मांसपेशियों के लिए हैमस्ट्रिंग कर्ल या लेग कर्ल व्यायाम किया जाता है।
लेग एक्सटेंशन से जांघों और घुटनों को ताकत मिलती है, जो स्क्वाट जैसे व्यायामों को करने में भी आपको सहायता देती हैं। हम जब साइकिलिंग, स्क्वाट्स और लंज्स जैसे व्यायाम करते हैं तो उससे सामने की ओर की जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। वहीं जो लोग सिर्फ चलने और दौड़ने वाले व्यायाम करते हैं उनकी सिर्फ हैमस्ट्रिंग मांसपेशियां ही सक्रिय होती हैं, जबकि सामने की मांसपेशियों पर कोई विशेष असर नहीं होता है। ऐसे लोगों को वेट ट्रेनिंग का अभ्यास करना चाहिए, जिससे उनकी मांसपेशियों में वृद्धि के साथ ही वे स्वस्थ भी बनी रहें।