सांस संबंधी समस्या के लिए फायदेमंद है बेल का जूस
बेल का बाहरी कवच कठोर होता है और अंदर के भाग में गूदा होता है। बेल का फल हरा रंग का होता है। बेल के फल में सफेद रंग के बीज भी होते हैं। बेल का फल जल्दी खराब नहीं होता है। यानी पेड़ से टूटने के बाद भी इसे कई दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। बेल के फल से लोग स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाते हैं। बेल के पेड़ के सभी भागों का औषधीय इस्तेमाल किया जाता है
कब्ज की बीमारी से राहत
कब्ज की समस्या से अगर आप परेशान हैं तो बेल का शरबत पी सकते हैं। बेल का शरबत पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है। बेल के फल का सेवन अगर दो से तीन महीने लगातार किया जाए तो सब-क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन की समस्या में राहत मिलती है।
पाचन में सुधार
जिन लोगों को भोजन के पाचन में दिक्कत होती है, उन लोगों के लिए बेल का फल खाना लाभकारी हो सकता है। बेल के फल में फेरोनिया गम पाया जाता है जो पेट की समस्या जैसे कि लूज मोशन या फिर डायरिया की समस्या से राहत दिलाता है।
हार्ट डिसीज से राहत
हार्ट डिसीज की समस्या है तो आपको बेल के फल का प्रयोग करना चाहिए। बेल के खट्टे फल में कुछ घी मिलाएं। अब इस मिक्सचर को अपनी डेली डायट में शामिल करें। ऐसा करने से हार्ट रिलेटेड डिसीज से राहत मिलेगी।
बेल के फायदे : कोलेस्ट्रॉल करता है कंट्रोल
बेल का फल शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने का काम करता है। ये ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही ट्रायग्लिसराइड, सीरम और टिशू लिपिड प्रोफाइल्स को भी कंट्रोल करता है।
सांस संबंधी समस्या
रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम यानी सांस संबंधि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर बेल का जूस पीना लाभकारी हो सकता है। जिन लोगों को कोल्ड की समस्या हो गई है वो भी बेल का जूस पी सकते हैं। बेल का जूस पीने से रजिस्टेंस पावर बढ़ती है और जुकाम से जल्दी राहत मिलती है।