इस वजह से मुस्लिम लोग नहीं खाते सूअर का मांस
मुस्लिम धर्म का पवित्र ग्रंथ है कुरान जिसमें इस धर्म के अनुयायियों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। कुरान के अंदर कई नियमों का उल्लेख मिलता है जिसे हर मुसलमान को मानना ही पड़ता है। इस ग्रंथ के अनुसार सूअर का मांस खाना भी हराम है।
मान्यता के अनुसार सूअर को एक गंदा जानवर कहा गया है और इसके बारे में हम सभी यही जानते हैं कि सूअर एक गंदा जानवर होता है जोकि कीचड़ में रहता है और वहीं खाता है।
सूअर के शरीर में काफी मात्रा में बैक्टीरिया पाया जाता है। एक वयस्क् सूअर के शरीर में इतना ज्यादा बैक्टीरिया होता है कि उस पर सांप का जहर भी असर नहीं करता है.
सूअर का मांस खाने वाले लोगों को लिवर से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर लगातार इसका मांस खाया जाए तो इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
मुस्लिम धर्म में सूअर का मांस कम खाया जाता है और इसे हराम माना गया है। बाइबल में भी इस जानवर के मांस को खाने की मनाही की गई है।
शायद यही वजह है कि मुस्लिम धर्म में सूअर का मांस खाने की मनाही की गई है। अगर कोई इस जानवर का मांस खाता है तो उसे बीमारियों का स्वागत करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बेहतर होगा कि आप इसकी जगह कोई और विकल्प ढूंढें।