क्या वेलेंटाइन डे, किस डे, हग डे जैसे दिवस भारतीय संस्कृति को हानि नहीं पहुंचा रहे? जानिए

हाँ बिल्कल, जब वेलेंटाइन वाले दिन पार्क मे बैठे दो मित्र या प्रेमी जोड़ों पुलिस को पकड़ कर पुलिस द्वारा बदसुलूकी की जाती है तब भारतीय-संस्कृति आघात होती है।

बस एक बात बताओ किस दिन लड़के लड़की एक साथ नहीं देखे जाते। मैं रेल मे बैठा हूँ, मेरे बगल ही दो हंस जैसे जोड़े यात्रा कर रहे हैं, बल्कि एक ही सीट पर बैठे हुए हैं तो क्या हमारी सभ्यता पर आंच आ रही है। जानता हूँ, आपका जवाब है “नहीं”

भारत की संस्कृति वैलंटाइंस नहीं बल्कि इसके विरोधी बिगाड रहे हैं, मुझे याद है जब पिछ्ले साल इसी दिन लखनउ के किसी कस्बे मे तोड़ फोड़ हुई थी। कितना नुकसान हुआ था। कितने बेसकसूर लोगो को बेबस किया गया था। मैं फिर से पूछता हूँ क्या तब हमारी सभ्यता चूर चूर नहीं हुई थी?

Valentines के आड़ मे राजनीति अपने पर पसारती है, पहले से ही निर्धारित दंगे रातों रात जन्म लेते हैं। कई शकुनि बन अपनी चाल खेल जाते हैं। और हम आम लोग सही और गलत का अनुमान लगाते रह जाते हैं।

पिछले साल 14 February को कई लोगो ने भगत सिंह का जन्म दिवस मना किया था। Facebook और WhatsApp पर कुछ इसी तरह उड़ाई गयी थी। और मेरे जैसों ने बिना पता वही मैसेज आगे भेज दिए। मैसेज मे देश भक्ति दिखाने की बात भी कही गयी थी ना। इसीलिए।

दोस्तो खजुराहो के मंदिर देखो, किस तरह के चित्र दिखाए गए हैं। तो क्या भारत की छवि धूमिल हो रही है। देखते रहना जिस दिन हमारे हम लोग इनके द्वारा भड़कुऊ और बे बुनियाद मुद्दों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देंगे, मुझे कोई शक नहीं इनकी राजनीति खजुराहो के मंदिर तक पहुंच जाए। इन्हे कोई ना कोई मुद्दा तो चाहिए ना।

अंत की ओर बढ़ते बढ़ते यही कहूंगा कि कोई एक दिन हमारी संस्कृति को राई के दाने जितना भी हानि नहीं पहुंचा सकता। हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है।

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