गरीब किसान कि दुखः भरा कहानी सच्ची घटना
बिहार के चम्पारण जिला में एक किसान का दुखः भरा कहानी चम्पारण जिला मे एक गरीब किसान रहता था उनका नाम था गोपी के तीन बेटे थे जो बहुत छोटे छोटे थे वह कोई काम कर नहींं सकते थे गोपी कि पत्नी नहींं थी गोपी अपने बेटे को पालने पोषन के लिऐ वह हरदम दुसरा का काम करता रहता था एक दिन कि बात है गोपी के छोटे बेटा का तबीयत खराब हो गया वह अपने बेटा का ईलाज कराने के लिऐ वह गाँव में एक छोटा डाक्टर है उसके पास गोपी लेकर चले गए ईलाज करा के आने के बाद दो से तीन दिन के बाद उनके बेटा का तबीयत ठीक नहीं हुआ वह अपने बेटा के ईलाज के लिए गाँव से बडा़ शहर लेकर चले गए जाने के बाद वह अपने बेटे के ईलाज कराते समय डाक्टर जब बाहर आया तो गोपी ने डाक्टर से पुुुछे कि डाक्टर साहेब मेरा बेटा का तबीयत ठीक हो जायेगा
तब डाक्टर साहेब ने जवाब दिये कि आपके बेटा तो ठीक हो जायेंगे लेकिन तीन से चार लाख रुपया लगेगा इतना सुनते हि गोपी के आँँख से आँँशु आने शुरु हो गया गोपी अपने बेटे को घर लाये। घर लाने के बाद पैस न होने के कारण वह अपने बेटे के ईलाज नहीं कराये कुछ दिन के बाद गोपी के लडका का तबीयत और खराब होने लगा ।गोपी के गाँव के लोग देखे और उसके ईलाज के लिये चाँँन्दा ईकठा करने लगे ईकठा कर के गोपी के लडके का ईलाज कराये ईलाज हो गया कुछ दिन के बाद गोपी के लडका का तबीयत ठीक हो गया गोपी बहुत गाँव वाले पर खुश हुआ गोपी फिर से खुशी – खुशी जीवन आपन करने लगे गोपी का लडका का तबीयत बिलकुल ठीक हो गया वह उनके बेटे खुशी – खुशी रहने लगे मेरे दोस्त यह सच्ची घटना है।