भारत की एक ऐसी जेल जहाँ है आत्मा का बसेरा
नमस्कार ,आज फिर से काफी दिनों बाद मेरा पोस्ट आया है और साथ में लाया है अनोखी जानकारी सेलुलर जेल के बारे में।
इससे पहले की हम आगे बढे आपसे आग्रह है की आप हमें फॉलो करे। क्योंकि हम आपके लिए हमेशा लेके आते रहते अनोखी जानकारी। तो चलिए शुरू करे :-
हम बात कर रहे हैं उस जगह की जहाँ पर हमारे भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वाले स्वंत्रता सेनानी को सजा दी जाती थी।
जी हाँ , हम बात कर रहे हैं सेलुलर जेल जिसे लोग” काला पानी की सजा” के नाम से भी जानते थे। यह जगह बंगाल की खाड़ी के बीच अंडमान निकोबार द्वीप में स्थित पोर्ट ब्लेयर नामक जगह पर स्थित जिसे अभी अंडमान निकोबार का राजधानी घोषित कर दिया गया है। इस जेल के निर्माण की योजना पहले क्रांति के दौरान अंग्रेजो के दिमाग में आयी थी। जिससे की उनके साशन के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले को वो वहां पर कैद कर सके। इस जेल में 698 कोठरियाँ मौजूद थी।
यहाँ पर कैदी के साथ अंग्रेजो बहुत बुरा वर्ताव किया जाता था। जैसे खाना कम देना या मनो ना ही देना। काम अधिक करवाना तय समय से पहले काम नहीं होने पर बहुत बुरी तरह से पीटना। इस जेल में लोगो के लिए कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। और अंग्रेजो द्वारा बहुत क्रूरता पूर्ण व्यवहार किया जाता था कैदी के साथ। और इसी सजा को कला पानी की सजा के नाम से जाना जाता था पहले। कला पानी की सजा का नाम सुनकर लोगो के रौंगटे खड़ेहो जाते थे। जो लोग एक वहां चले जाते थे तो फिर वो लौट के नहीं आते थे। उन लोगो की मौत बहुत हिंसा पूर्ण तरीके से होती थी।
और आज यह एक पर्यटन स्थल बन चूका है। सरकार ने इसे राष्ट्रिय स्मारक घोसित कर दिया है। अब लोगो यहाँ काफी तदात में यहाँ घूमने जाते हैं। कुछ लोगो ने दवा किया है की वहां से अजीब – अजीब आवाज़े आती है। वहां घूमने जाने वाले लोग कहते हैं की वहां उन्हें कुछ पारलौकिक ताक़तका अनुभव हुआ है।