824 साल बाद पुनर्जन्म -भूटान प्रिंस ने कहा वह थे नालंदा के प्रोफ़ेसर

भूटान के तीन साल के प्रिंस ट्रूएक बागचूंग ने जैसे ही बोलना शुरू किया बिहार की नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में बताने लगा । उसने यह भी बताया है कि वह बिहार की नालंदा विश्वविद्यालय में छात्र भी रहा है और शिक्षक भी । उस समय उसका नाम बेरोचना था । लिहाजा हैरान परेशान भूटान राजघराना 3 साल के प्रिंस ट्रूएक बांगचूंग को लेकर भारत आ गए ।

भारत में आने के बाद वह फ़ौरन बिहार की उस नालन्दा विश्वविद्यालय पहुंचे जो 750 सालो तक ज्ञान का केंद्र रही जरूर थी लेकिन अब महज खंडहर भर है । अचरज की बात तो यह कि 3 साल के भूटान के प्रिंस ने नालंदा के खंडहर को देखने जे बाद एक एक चीज ऐसी बताई जैसे वह उसका अपना घर हो । जी हां उसने बताया कि वह कहाँ उसका क्लास था वह कँहा बौद्ध पूजा किया करता था । कहाँ कहाँ क्लास चलती थी किस तरह पूजा और पढ़ने के लिए लोग बैठते थे उसने इन सब चीजों को प्रैक्टिकल करके भी दिखाया ।

भूटान की महारानी दोरजी बांगचू कहती है उसके नाती ने जो कुछ बताया है वह अदभुत है उसने एक एक चीज सच बताई है और उसकी तस्दीक भी सही पाए गई है ।उधर नालंदा के क्षिक्षाविद प्रमोद कुमार कहते है यह नालंदा का भाग्य है कि 824 साल बाद प्रोफ़ेसर बेरोचना ने भूटान के प्रिंस के रूप में अवतार लिया है और उन्हें नालंदा याद रहा ।

सचमुच अदभुत है कि क्या किसी का 824 साल बाद पूनर्जन्म हो सकता है और क्या उसको अपने पूर्व जन्म की सारी बाते याद रह सकती है ?

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