5 बहाने जो आपको सफल होने से रोकते हैं – और उनसे कैसे बचें

मैं पहले अभी असफल हो चूका हूँ :
पहले आपके साथ क्या हुआ उसे आप अब तो बदल नहीं सकते, लेकिन आपका आने वाला कल बीते हुए कल जैसा नहीं हो उसके लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं। इसलिए बीती हुयी बातों को भूल जाएँ और अपने आने वाले कल को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करें। अगर आप अपनी पहले की गयी गलतियों को नहीं भूल पा रहे हैं तो इस लेख को पढ़ें :

मैं इसे किसी और दिन कर लूंगा :
छोटे – छोटे या बड़े कामों को कल पर नहीं छोड़े क्यूंकि कल क्या होगा इसे कोई नहीं जानता। और फिर अगर आप किसी काम को आप आज नहीं करना चाहते तो क्या गारंटी है की आप कल उसे करेंगे ही ?

मेरे पास समय नहीं है /पैसा नहीं है /या फिर प्रतिभा नहीं है :
अक्सर हम उसी चीज के बारे में गौर करते रहते हैं जो हमारे पास नहीं होता है जैसे पैसा, समय या फिर टैलेंट। उदाहरण के तौर पर अगर आपको लगता है कि आपके पास अपने काम को करने के लिए योग्यता नहीं है या फिर कोई स्किल नहीं है तो ऐसे तरीकों को खोजें या फिर कहीं से ट्रेनिंग लें जिससे आपकी मुश्किल आसान हो जाए। और उन चीजों पर ध्यान देना बंद करें जो आपके पास नहीं है बल्कि उन चीजों पर ध्यान दें जो आपके पास हैं। आपके पास हमेशा नयी शुरुआत करने के मौके होंगे, इसलिए नयी शुरुआत करने के लिए सबसे पहले ये जाने कि अपने काम को बेहतर ढंग से करने के लिए आपको किन चीजों की जरुरत है और फिर उसे हासिल करने में जुड़ जाएँ।

मैं इतना योग्य/धनी/स्मार्ट नहीं हूँ :
जब आप ये दोहराते हैं की आपका लक्षय या सपना इतना आसान नहीं है तब आप अपने सपने को दोष देते हैं लेकिन जब आप ये कहते हैं की आप इतने सक्षम/धनी/स्मार्ट नहीं हैं तो आप आपने आप को दोष देने लगते हैं। ऐसा फ़ौरन बंद करें !! अपने आप को योग्य, धनी अथवा स्मार्ट न होने पर स्वयं को दोष देना बंद करें। जिन चीजों पर आपका कोई भी नियंत्रण नहीं हैं उसके लिए अपने आप को दोष देना बंद करें और दृढ निश्चय करके अपने आप से दोहराएं कि परिश्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों आप हर काम को करने में सक्षम हैं और आप आपने लक्ष्य हासिल करके ही रहेंगे।

यह बहुत कठिन अथवा असंभव सा प्रतीत होता है :
क्या आप अक्सर इस वाक्य का प्रयोग अपने सपने को बयान करते वक्त करते हैं? अगर हाँ तो यह जान लीजिये की जितनी बार आप इस बात को दोहराएंगे आप के लिए आपके सपने को पाना वास्तव में उतना ही असंभव अथवा कठिन होता जायेगा। खुद्किस्मती से इसका उल्टा भी होता है, कोई काम या लक्ष्य कितना ही कठिन क्यों न हो अगर आप अपने मन को ये समझाते रहें की ये आसान है और आप इसे कर सकते हैं तो धीरे धीरे वही कठिन कार्य या लक्ष्य् आपके लिए आसान होता जायेगा और आप अपने लक्ष्य को आसानी से पाने के लिए तैयार हो जाएंगे।

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