पितृ पक्ष के 3 दिन रहेंगे महत्वपूर्ण, जानें जरूरी और काम की बातें।
एकादशी। एकादशी का दिन पितृपक्ष में उन लोगों के लिए जाना जाता है जिनकी आत्मा मृत्यु होने के बाद भी मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां-वहां पी चेंज कर रही है इसलिए अगर आप अपने पूर्वजों और पितरों की आत्मा शांति कहां चाहते हैं तो इस दिन आप उनके विधि विधान से पूजा पाठ करें ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके और साथ में उनको जीवन की प्राप्ति और मोक्ष भी मिल सकें।
चतुर्दशी। चतुर्दशी दिन का उन लोगों के लिए जाना जाता है जिनके मौत अचानक से हो जाती है ऐसे लोगों का इस दिन श्राद्ध किया जाता है ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और साथ में मोच की प्राप्ति हो इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के घर की किसी लोग के मृत्यु अकाल या दुर्घटनाग्रस्त में हो जाए तो ऐसे लोगों की आत्मा की शांति के लिए इसलिए श्राद्ध और उनका निदान भी क्या होता है और इस दिन का अपने आप में पितृपक्ष में काफी महत्व है।
पितृ अमावस्या। ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष में इस दिन उन लोगों का पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है जिन लोगों को अपने सगे संबंधित की मृत्यु की तारीख याद नहीं जाती है क्योंकि इस दिन उन लोगों का श्राद्ध और पिंड दान करना काफी शुभ और अच्छा माना जाता है और इस बात को लेकर धर्म शास्त्रों में भी किए गए हैं इसलिए आप कभी भी इस प्रकार की गलती ना करें और इस दिन उन लोगों का ही प्राप्त करें तभी जाकर उनकी आत्मा को शांति मिल पाएगी और उनको स्वर्ग की प्राप्ति हो पाएगी।