सड़क के बीच की सफेद पट्टी पर लगे हुए लाल सूचक बिना किसी बिजली के रात में कैसे जलते और बुझते हुए दिखाई देते हैं? क्या इसमें कोई “बैटरी बैकअप” होता है? जानिए

हम में से बहुत सारे लोगों के दिमाग में कभी ना कभी यह सवाल आया होगा की रात में जो हम सड़कों पर चलते हैं तब अक्सर हमने सड़क के डिवाइडर या सफेद पट्टी के बीच में पीली या लाल रोशनी में चमकने वाली लाइट्स जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती हैं यह आखिर जलती या बुझती कैसे हैं, बहुत से लोगों के मन में यह विचार आता होगा कि शायद अंडर ग्राउंड कोई बिजली का तार डाला गया होता है जो इन लाइट को जलाता है, तो चलिए आज इस गलतफहमी को दूर करते हैं सबसे पहले हम समझते हैं यह होती कितने प्रकार की है।

कुछ ऐसा डिज़ाइन होता है इनका यह केवल जब ही चमकती है जब इन पर किसी गाड़ी की लाइट पड़ती है यह 2 लंबी स्क्रू द्वारा सड़क में चिपका दी जाती है।

1-SOLAR ROAD STUDS.

इसका डिजाइन कुछ ऐसा होता है यह सड़क में मशीन द्वारा एक सुराख करके उस सुराख में कोई केमिकल डालकर इस पुर्जे को सड़क में ठोक दिया जाता है जिससे यह अपनी जगह पर सेट हो जाता है और भारी से भारी वाहन भी इसके ऊपर से गुजर जाए इसका कुछ नहीं बिगड़ता क्योंकि यह बहुत ही हार्ड मटेरियल का बना होता है।

अब आते हैं सवाल पर . यह जलती कैसे हैं, दरअसल इसमें 2 इंच का एक छोटा सा सोलर प्लेट लगा होता है इस सोलर प्लेट के नीचे एक छोटी सी बैटरी होती है जब दिन में सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है या गाड़ी की रोशनी इस पर पड़ती है तभी अपने आप को चार्ज कर लेता है और पूरी रात बिना रुके चमकता रहता है.

इसके अंदर की बैटरी और सोलर प्लेट बहुत ही उच्च क्वालिटी की होती है इसी वजह से यह लंबे समय तक काम करती रहती है इसके 1 सोलर स्टड की कीमत ₹800 से लेकर 1000 तक होती है और वहीं रिफ्लेक्टिव रोड स्टड 150 से ₹200 तक का आता है इसका ऊपर का स्ट्रक्चर एलुमिनियम और फाइबर का बना होता है इसका साइज लगभग 5 इंच चौकोर होता है और बजन 600 ग्राम से लेकर 1 किलो तक होता है और चमकने के लिए 6 से 8 एलईडी होती है

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