स्वास्तिक चिन्ह का वैज्ञानिक आधार क्या है? जानिए
स्वस्तिक लगभग सारे ही धर्मों को उपयोग किया जाने वाला चिन्ह जीवन ऊर्जा को गति प्रदान करता है । यही इसका वैज्ञानिक आधार है । यह चिन्ह मानव मस्तिष्क को शांति प्रधान कर नकारात्मक विचारो को दूर कर उससे ख़ुशी प्रदान करता है
हमारे देश में ३ मुख्य धर्म है । सनातन , बुद्ध , और जैन इन तीनो में ही इस चिन्ह को सर्वाधिक महत्व दिया गया है । जैसे ॐ परिवर्तित हुआ , इस्लाम और ईसाई धर्म में ॐ अमीन हुआ और सिख़ धर्म में ओमकर वैसे ही स्वस्तिक भी परिवर्तित हुआ और इसका रूप बदलता चला गया ।
अमेरिका के लेखक स्टीवन हेलार ने स्वास्तिक और उसके महत्व पर पूरी एक किताब लिखी है. जिसका नाम द स्वास्तिका (the swastika symbol beyond redemption) हैं.
एडोल्फ हिटलर ने भी अपने झंडे पर स्वास्तिक के चिन्ह का इस्तेमाल किया था. प्रेम और सौभाग्य के प्रतीक रहे स्वास्तिक चिन्ह का उपयोग एडोल्फ हिटलर ने बुरे कार्यों के लिए किया था. इसलिए आज जर्मनी में इस चिन्ह पर पाबंदी लगा रखी है.
900 ई. से 1000 ई. के बीच सुप्रसिद्ध संस्कृति मिसिसिपी के अवशेषों में भी स्वस्तिक चिन्ह का इस्तेमाल देखने को मिलता है.
टर्की के सुप्रसिद्ध शहर ट्रॉय (Truva or Troya or troy) में खुदाई के दौरान मिले बर्तनों पर भी स्वस्तिक के निशान मिले थे
अमेरिका के सुप्रसिद्ध ब्रांड कोका कोला ने भी स्वस्तिक का इस्तेमाल अपने प्रोडक्ट पर किया था.
तजाकिस्तान जहां की बहुसंख्यक जनसंख्या मुस्लिम है. इस देश में स्वास्तिक को राष्ट्रीय चिह्न में से एक माना जाता है.
यह यूक्रेन से मिला चित्र है जो १०,००० साल ईसा पू का है ।