स्टेमिना बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
स्टैमिना क्या है? – स्टैमिना का हिंदी में अर्थ होता है आंतरिक बल। साधारण शब्दों में कहा जाये तो स्टैमिना का मतलब होता है किसी व्यक्ति के द्वारा किसी भी कार्य को मानसिक या शारीरिक रूप से लंबे समय तक जारी रखने के लिए जिस शक्ति का हम उपयोग करते है वह ही स्टैमिना है।
स्टेमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय
छुहारा
प्रतिदिन सुबह 4-5 छुहारा, 2-3 काजू और दो बादाम को 300 ग्राम दूध में अच्छी तरह से उबालकर मिश्री मिलाकर पीने से स्टैमिना बरकरार रहता है. यदि इसे रात को सोने से पहले पीते हैं तो काम करने की शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
शिलाजीत
प्राचीन भारत से ही डॉक्टर इस औषधि का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। शिलाजीत आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।
अश्वगंधा
अश्वगंधा को प्राचीन काल से इस्तेमाल किआ जा रहा है .यह वो प्राचीन जड़ी बूटी है जो मन और शरीर के बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शाती है। अश्वगंधा की जड़ों को त्वचा सबंधी बीमारियों के निदान हेतु भी प्रयोग में लाया जाता है। यह यौन शक्ति बढ़ाकर प्रजनन क्रिया को ठीक रखती है।
किशमिश
किशमिश में बहुत अधिक औषधीय गुण पाए जाते है।स्टेमिना बढ़ाने के लिए शहद और किशमिश का मेल एक रामबाण इलाज़ के रूप में बताया गया हैं। एक कांच के बर्तन में 300 ग्राम किशमिश और शहर डालकर 48 घंटे तक रखें। इसके बाद रोजाना सुबह खाली पेट 4 -5 किशमिश शहद में डूबी हुई खाएं, कुछ ही दिनों में आपका स्टेमिना बढ़ जायेगा।
केले खाऐं
केला में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पोटेशियम और फ्रुक्टोज आदि की अच्छी मात्रा होती है। अगर स्टैमिना और एनरजी बढ़ाना चाहते है तो आप केले का रोजाना सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से केला खाने से में भी वृद्धि होती है। यदि आप अपने दौड़ने की क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो केला को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
शकरकंदी
शकरकंदी को एनर्जी का पिटारा कहा जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व हेल्थ के लिहाज से काफी फायदेमंद होते हैं। आयरन की कमी से हमारे शरीर में एनर्जी नहीं रहती, रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है और ब्लड सेल्स का निर्माण भी ठीक से नहीं होता है लेकिन शकरकंद आयरन की कमी को दूर करने में काफी मददगार है।
ओट्स ( Oats)
आज कल ओट्सबहुत फेमस हो गए है .अगर आप नाश्ते में ओट्स का सेवन करते हैं तो सुस्ती और थकान आप से कोसों दूर रहेंगी।इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जोकि आपके शरीर के स्टैमिना को सही रखता है। ओट्स धीरे- धीरे पचते हैं, जिससे कि काफी लंबे समय तक शरीर को एनर्जी मिलती रहती है।
चुकंदर का जूस ( Beet Juice)
नियमित रूप से चुकंदर जूस का सेवन कर आप थकान आदि से भी छुटकारा पा सकते हैं।चुकंदर में पोटेशियम, फाइबर, विटामिन सी और विटामिन ए की उच्च मात्रा होती है। ये सभी पोषक तत्व सहनशक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जो लोग दौड़ने का अभ्यास करते हैं उनके लिए चुंकदर का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है।
ड्राई फ्रूट्स ( Dry Fruits)
ड्राई फ्रूट्स आपको ऊर्जा दिलाने के साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने में सहायक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ड्राई फ्रूट्स में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ अच्छी मात्रा में होते हैं जो आपकी एनर्जी और स्टैमिना को बढ़ाने में सहायक होते हैं। सूखे फलों में विटामिन के अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है जो आपके शरीर को उचित ऊर्जा दिलाने में सहायक होती है।
सफेद मुसली का सेवन
स्टेमिना बढ़ाने के लिए सफेद मुसली विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों जैसे, आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा आदि में सफेद मुसली का उपयोग होता आ रहा है। ये एक जड़ी-बूटी है, जो शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिये काफी मशहूर है। इसका उपयोग इन्फर्टिलिटी और स्पर्म की कमी को दूर करने के लिए और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता था।
इन सब के आलावा और क्या ? स्टैमिना बढ़ाने के लिए क्या खाएं
स्टैमिना बढ़ाने के लिए शरीर को पर्याप्त पोषण के रूप में प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम भी जरूरी है। शरीर में पोषण के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थ जरूरी हैं, जो शरीर को भरपूर ऊर्जा देने के साथ स्टेमिना बढ़ाने के लिए जरूरी होते हैं । नीचे जानिए स्टैमिन के लिए कौन-कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन करें
● प्रोटीन: ब्रोकली, पालक, मशरूम, फूलगोभी, केल, जलकुंभी, मटर, ओट्स, बीन्स, कद्दू के बीज, बादाम, चावल, सूरजमुखी के बीज, वीट ब्रेड, तिल के बीज, मूंगफली व काजू आदि।
● कैल्शियम: दूध, टोफू, तिल के बीज, चिया के बीज, किडनी बींस और बादाम।
● आयरन: पालक, शतावरी, स्विस चार्ड, ब्रोकली, टोफू, दाल, कद्दू के बीज, तिल के बीज और सोयाबीन।
इन सब के अलावा, आप स्टैमिना बढ़ाने के लिए फल-सब्जियां, दलिया, ब्राउन राइस, वसा रहित या कम वसा वाला दूध व पनीर का सेवन भी कर सकते हैं ।