सोमवल्ली का पौधा कैसा होता है ? जानिए

जो की मध्यप्रदेश के रीवा में मिलता है। इस पौधे में पत्तियाँ नही होती सिर्फ डठंल होता है ,डठंल के ऊपर का परत चिकना और हरा होता है। इस पौधे की विशेषता है कि इसका उपयोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप और शरीर को दुरुस्त अर्थात काया को सुंदर बनाने के लिए किया जाता है।

पौराणिक पुस्तकों में इसका वर्णन मिलता है ,इन पुस्तकों के अनुसार इन्द्र आदि देवता इस पौधे से बने सोमरस का सेवन करते थे जिससे उनका काया सुदृढ़ बना रहे।

ये पौधा नशीला नही होता, इससे बने रस का कोई भी सेवन कर सकता है। यह दुर्लभ जड़ी-बूटी केवल भारत में ही मिलता है ,मुख्यतः मध्यप्रदेश के रीवा में ।

महान है हमारा भारत देश ।

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