सोने से पहले मोबाइल फोन का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए? जानिए कारण

अगर आप सोने से पहले फोन खंगालते हैं तो इस आदत को बदल लेने में ही भलाई है। दरअसल, नींद विशेषज्ञों का कहना है कि रात में मोबाइल या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल करने से स्लीप हार्मोन ‘मेलाटोनिन’ का उत्पादन बाधित होता है। इससे लोगों को गहरी नींद नहीं आती। यही नहीं, सुबह देर से उठने के बावजूद वे खुद को तरोताजा महसूस नहीं करते।

ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के डॉ. रंज सिंह ने बताया कि बेहतर नींद के लिए यह जानना सबसे जरूरी है कि उससे ठीक पहले किए जाने वाले काम नींद पर क्या असर डालते हैं। मोबाइल इस्तेमाल करने के बाद सोने से नींद लाने वाले कारक कम सक्रिय हो पाते हैं। इसी तरह सोने से पहले भारी भोजन करने, कैफीनयुक्त पेय पीने और व्यायाम करने से भी नींद में बाधा आती है। सिगरेट-शराब के सेवन से भी नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

स्क्रीन से घंटेभर पहले बनाएं दूरी
-सिंह के मुताबिक गहरी नींद के लिए मोबाइल, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग एक घंटे पहले बंद कर देना जरूरी है। दरअसल, इन उपकरणों से निकलने वाली रोशनी मस्तिष्क में उन हार्मोन के स्त्राव को प्रभावित करती है, जिनका सक्रिय होना नींद के आगोश में जाने के लिए जरूरी है।

किताब पढ़ना बेहतर विकल्प
-अगर आपको रात में जल्दी नींद नहीं आती है तो मोबाइल देखने के बजाय किताब पढ़ें। सिंह कहते हैं कि किताब स्क्रीन की तरह ‘मेलाटोनिन’ सहित अन्य हार्मोन के सक्रिय होने में बाधा नहीं बनती। लिहाजा जो लोग यह मानते हैं कि सोने से पहले किताब पढ़ना ठीक नहीं, वे पूरी तरह से गलत हैं।

लॉकडाउन में रात में फोन का इस्तेमाल बढ़ा
-किंग्स कॉलेज लंदन ने अपने शोध में पाया कि लॉकडाउन के बाद से लोग रात में फोन पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। इस कारण उन्हें गहरी नींद नहीं आ रही है। इसके पीछे तनाव भी एक बड़ा कारण है। कोरोना संक्रमण के दौर में ब्रिटेन में 16 से 24 साल के 60 प्रतिशत लोगों की नींद प्रभावित हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *