सुक्रोज किसे कहा जाता है? जानिए आप भी
ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, सुक्रोज,डैक्ट्रोस और लैक्टोस ये सभी शर्करा या कार्बोहाइड्रेटस के ही विभिन्न प्रकार या किस्में हैं। इन्हें यदि कोई चीज अलग करती है तो वह इनकी रसायनिक संरचना तथा इनके पाए जाने के स्रोत।
वैसे इन सबमें प्रति ग्राम कैलोरीज़ की मात्रा भी लगभग समान ही होती है, फर्क बस इनके हमारे शरीर में चयापचय या मेटाबॉलिज्म का होता है कोई तो इनमें से शरीर द्वारा तुरंत जज्ब कर लिया जाता है तो किसी किसी को पचाने में शरीर को मश्शकत या कोशिश करनी पड़ती है।
सूक्रोज, ग्लूकोज व फ्रुक्टोज नामक कार्बोहाइड्रेट्स के अणुओं से मिल कर बना होता इसलिए इसे डाईसैक्राईड कहते हैं जबकि ग्लूकोज व फ्रुक्टोज ये दोनों मोनोसैक्राईड कहलाते हैं।
इन तीनों में से ग्लूकोज तुरंत वह सीधे रक्त में घुल जाता है और रक्त शर्करा या ब्लडशुगर को बढ़ा देता है जबकि फ्रुक्टोज रक्त में घुलने में समय लेता है अतः इसके कारण ब्लड शुगर तुरंत नहीं बढ़ती परंतु इसकी अधिकता से शरीर में ट्राईग्लिसराइड बढ़ जाता है और इसके कारण हमें टाईप-वन या नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर नामक बीमारी हो सकती है।
आखिर में सूक्रोज। सूक्रोज को पचाने के लिए शरीर को पहले इसको विखंडित करके इसे ग्लूकोज तथा फ्रुक्टोज में परिवर्तित करना पड़ता है। यह प्रक्रिया आंशिक रूप से मुंह में लार द्वारा प्रारंभ कर दी जाती है। परंतु यह पूर्ण छोटी आंतों जाकर होती है।छोटी आंत की दीवारों से रिसने वाला सुक्रास नामक एंजाइम सूक्रोज को तोड़ कर उसे ग्लूकोज तथा फ्रुक्टोज में परिवर्तित कर देता है और यहां इन्हें रक्त वाहिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। इस प्रकार यह शरीर को मीठे की डबल डोज देता है। इसका प्रोसेस्ड फूड्स आईस क्रीम तथा कोल्ड ड्रिंक्स आदि में जमकर प्रयोग होता है।इसे मुख्य रूप से कॉर्न सिरप से प्राप्त किया जाता है।