सुंदर ने ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू करते हुए 7वें नंबर पर बल्लेबाजी कर सबसे ज्यादा रन बनाए,जानिए कैसे

भारतीय टीम एक समय पर 6 विकेट पर 186 रन बनाकर संकट में थी। ऋषभ पंत आउट होकर पविलियन लौटे थे।भारतीय टीम का अनुभवहीन निचले क्रम के सामने मुश्किल चुनौती थी। ऐसे वक्त पर अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर और दूसरा मैच खेल रहे शार्दुल ठाकुर ने दमदार पारी खेलकर भारत को मुश्किल से निकाला और ऑस्ट्रेलिया को दबाव में ला दिया। वहीं अगर ब्रिसबेन की बात करें तो भारतीय टीम काफी मुश्किल में थी। ऐसे में इन दो अनुभवहीन खिलाड़ियों ने भारत को मुश्किल से निकाला। शार्दुल ठाकुर ने 67 और सुंदर ने 62 रन बनाए थे।

भारत के दो ऑलराउंडर्स शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर मैच के तीसरे दिन इस वक्‍त टीम के लिए बेहद जुझारी पारी खेलते हुए अर्धशतक जड़ चुके हैं l मौजूदा वक्‍त में दोनों के बीच बनी शतकीय साझेदारी के दम पर टीम इंडिया धीरे-धीरे संकट से बाहर निकलती हुई नजर आ रही है l महज 186 रन पर छह विकेट गिरने के बाद शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) मैदान पर बल्‍लेबाजी के लिए आए. एक समय में लग रहा था कि ऑस्‍ट्रेलिया मैच में करीब डेढ़सो रन की लीड बना लेगा लेकिन इन दोनों ऑलराउंडर्स ने ऐसा नहीं होने दिया l

सुंदर पहले से टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन तीसरे टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन के चोटिल होने और फिर आखिरी टेस्ट में बनी विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें डेब्यू करने का मौका दे दिया। सुंदर के टेस्ट करियर की शुरुआत की कहानी जितनी मजेदार है उतनी ही दिलचस्प उनकी जिंदगी की कहानी भी है। कोहली ने ट्वीट कर कहा, ‘सुंदर और शार्दुल ने शानदार आत्मविश्वास और समर्पण का परिचय दिया। यही टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है।

वॉशी तुमने डेब्यू पर उच्च स्तरीय धैर्य दिखाया।’ पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने गाबा मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली टीम इंडिया की जमकर प्रशंसा की है। ब्रिस्बेन टेस्ट के तीसरे दिन रविवार को वाशिंगटन सुंदर और शार्दूल ठाकुर ने अपना-अपना पहला अर्धशतक पूरा किया और सातवें विकेट के लिए 123 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की।

वेरी वेरी स्पेशल के नाम से प्रसिद्ध वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट में पहला अर्धशतक बनाने के लिए वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर को बधाई। तुम दोनों ने जिस तरह से संघर्ष, तकनीक और आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया उसके लिए बहुत सा प्यार। युवा बल्लेबाजों के लिए यह बढ़िया उदाहरण भी है कि वे अपनी बल्लेबाजी पर काम करें, क्योंकि आप नहीं जानते कि बल्ले से किया गया आपका योगदान कब टीम के लिए काम आ जाए।’

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