सीपीआर क्या है और यह कैसे देते हैं
यदि किसी व्यक्ति को बहुत ही कम समय में आपातकालीन स्थिति से यानी की मृत्यु के मुंह से बाहर निकालना है, तो उसे सीपीआर दिया जाता है। व्यक्ति को सांस ना आने पर या फिर बेहोश हो जाने पर सबसे पहले व्यक्ति को सीपीआर दिया जाता है, जिससे वह तुरंत होश में आ जाता है। तो चलिए जानते हैं सीपीआर के बारे में पूरी जानकारी –
सीपीआर एक ऐसी प्रक्रिया है जो, सीने के संकुचन को अक्सर कृतिम वेंटिलेशन से जोड़ देती और मस्तीक की मांसपेशी में रक्त का संचार कर देती है| जिससे मनुष्य के दिमाग पर कोई असर नहीं होता है। इसमें रोगी को उसके सीने पर हाथ रखकर दोनों हाथों से जोर-जोर से पुष्ट किया जाता है ताकि व्यक्ति का हृदय वापस चलना शुरू हो जाए यही सीपीआर होता है।ऐसे में सबसे पहले आपको यह सीख लेना भी जरूरी है कि सामने वाले व्यक्ति को किस प्रकार सीपीआर देना है और ना आप कुछ गलत कर बैठ सकते हैं।
सीपीआर देने के तरीके (Methods for giving CPR in Hindi)
सीपीआर को दो तरीकों से दिया जाता है। यह दोनों तरीके अलग-अलग कार्य करते हैं जिसमें एक किसी मानव द्वारा दूसरे मानव को दिया जाता है या फिर एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को दिया जाता है दूसरा चिकित्सकीय उपकरणों के द्वारा सीपीआर देना।
- मानवीय रूप से सीपीआर देना
- चिकित्सा उपकरणों से सीपीआर देना
जब व्यक्ति को जान का खतरा होता है या फिर उसके पास बहुत कम समय होता है ऐसी आपातकालीन स्थिति में हमेशा व्यक्ति को चिकित्सा उपकरणों से सीपीआर दिया जाता है। अन्य किसी भी परिस्थितियों में मानवीय रूप से भी सीपीआर दिया जा सकता है, जिसमें जान माल का इतना खतरा ना हो।