सिर्फ मिट्टी में ही न लगाएं तुलसी का पौधा

कभी भी तुलसी के पौधे में ज्यादा पानी नही डालें क्योकि ऐसा करने से वो खराब हो जाता है। चुकी ऐसे में तुलसी के पौधे को 70% मिट्टी और 30% रेत में लगाएं। इससे वो कभी भी बारिश के मौसम में भी खराब नहीं होगा।

हमेशा नेचुरल खाद का इस्तेमाल
तुलसी के पौधे को उगाने के लिए उसमे गाय के गोबर से बनी खाद का इस्तेमाल करें। और हाँ ध्यान रखें कि तुलसी को हमेशा थोड़ा गहरा और चौड़ा गमले में लगाएं। ऐसा करने से पौधा जल्दी बढ़ेगा और हर मौसम में हरा-भरा भी रहेगा।

तुलसी में ऐसे दें जल
हमेशा तुलसी को जल देने के लिए कांसे के लौटे का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही महिलाएं शाम के समय तुलसी के सामने घी का दीया जरूर लगाएं। इससे घर में सुख-शांति और सम्रिधि बनी रहेगी।

तुलसी के पौधे को खराब होने से कैसे बचाएं?
हमेशा 1 लीटर पानी में 1 चम्मच नमक को मिलाकर पौधे की पत्तियों व मिट्टी पर उस पानी का छिड़काव करे। इससे पौधा हरा-भरा रहेगा और कभी खराब नहीं होगा।

तुलसी कि पत्तियों के मुरझाने पर करें ये काम


अगर तुलसी का पौधा किसी कारण वश सूख चुका हो तो उसे घर में न रखें। या तो इसे किसी मंदिर में या फिर पवित्र नदी में विसर्जित कर दें क्‍योंकि सूखी हुई तुलसी को घर के लिए अशुभ माना गया है। और यह भविष्य में होने वाले किसी संकट का संकेत हो सकता है।

तुलसी को रखने की सही दिशा
तुलसी के पौधे को ना ही सिर्फ माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है अपितु यह भगवान विष्णु को भी बेहद सर्वप्रिय है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व में रखना ही शुभ होता है। इसके अलावा तुलसी को भूलकर भी पूर्व और उत्तर-पश्चिम की दिशा में ना लगाएं।

कभी भी तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय भूल से भी ना करें ये गलतियां

  • कभी भी रविवार, अमावस्या, द्वादशी और चतुर्दशी पर तुलसी के पत्ते को तोड़ने की भूल ना करें। अगर आपको पत्तियों की ज्यादा जरूरत है तो उन्हें तोड़ने से पहले पौधे को हिला लें।
  • वास्तु शास्त्र में सूर्यास्त के बाद भी तुलसी तोड़ना अशुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राधा रानी का रुप मानी जाने वाली तुलसी को सांयकाल के समय माता लीला करती हैं।
  • तुलसी को खींचकर या नाखूनों से तुलसी तोड़ना भी वर्जित माना जाता है।

-शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के एक वृक्ष नहीं बल्कि राधा रानी का अवतार बताया गया हैं। और ऐसे में इसकी पत्तियों को चबाएं नहीं अपितु जीभा पर रख कर चूसें।

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