सर्दियों में सुबह कैसे जल्दी उठा जाए?
वैसे तो ये मौसम हेल्दी होता है। खाया पिया सबकुछ हज़म हो जाता है। रातें लंबी होती है, जिसमें निंद भी बढीया आती है। लेकिन दिक्कत एक ही है,….. एक बार कंबल ओढ ली तो कंबल से बाहर निकलने का मन ही नहीं होता है। और आप इसी दिक्कत से निजात पाना चाहती है।
इंसान को आठ घंटे की नींद जरूरी होती है, जिससे शरीर की थकान मिटकर उर्जा का संचार हो सके। शरीर की ताजगी और मन का बिना संबंध है। जब-तक शरीर में उत्साह नहीं आता मन उत्साहित नहीं होता है।
डीनर और बेड-टाईम में ढाई से तीन घंटे का फासला रखें।
सोते समय बेड पर सुखासन में बैठकर जगद्नियंता को आजके सुखपूर्वक बिते दिन के बारे में धन्यवाद देकर, आनेवाले दिन की शुभकामना करें। और ध्यान करते हुए स्वयं को आदेश करें की मुझे सवेरे …बजे जागना है। अब निर्विकार होकर सो जाईए। साथ में अलार्म लगा के रखें।
इसमें विज्ञान है। हमारा छोटा मेंदू या दिमाग (Brain) सिर्फ सकारात्मक (Positive) आदेश ही सुनता है और वक्त पर हमें सचेत करता है।
कुछ दिनों बाद आप को अलार्म की जरूरत नहीं होगी, आप सुनिश्चित वक्त पर निंद से जरुर जागोगे।
जैसे ही अलार्म बजा आप की निंद खुली की आपकों बेड पर उठ बैठना है। और असल में दिक्कत यही पर होती है। आपको वक्त गंवाए बिना कंबल त्यागना है। दोनों हाथ एक दूसरे पर घर्षण करके चेहरे पर फेरना है। फिर दोनों हथेलियों पर नजर गड़ाकर अपने माता-पिता और उस सर्वशक्तिमान का स्मरण करते हुए आज के दिन की शुभकामना करके बेड त्यागना है।
कुछ दिनों बाद आप, हर मौसम में, सुनिश्चित वक्त पर, बीना अलार्म जरुर जागेंगी।