सरकार ने पेट्रो कार्ड’ से बचाया हर महीने 50-60 हजार लीटर डीजल-पेट्रोल जानिए कैसे

योगी सरकार की सिस्टम में तकनीक के जरिए पारदर्शिता लाकर
भ्रष्टाचार पर चोट के प्रयासों का बेहतर नतीजा सामने आया है।
राज्य संपत्ति विभाग के पेट्रो कार्ड की पहल ने पूर्व मुख्यमंत्रियों,
और सरकारी अफसरों के वाहन पर खर्च होने वाले डीजल-पेट्रोल
में हर महीने लगभग 50-60 हजार लीटर की कमी लाने में सफलता
हासिल की है।

यानी हर महीने लगभग 23-24 लाख रुपये की बचत।
इस पहल से न सिर्फ सरकारी वाहनों को डीजल-पेट्रोल आवंटन
में पारदर्शिता आई है, सरकार के खजाने को हर महीने लगने वाली
चपत से राहत मिली है बल्कि वाहन चालकों की भी सहूलियत
बढ़ी है।

विशेष सचिव मुख्यमंत्री व राज्य संपत्ति अधिकारी शुभ्रांत
कुमार शुक्ल ने बताया कि जुलाई के पहले तक पेट्रोल-डीजल की
स्वीकृति की व्यवस्था पर्ची के जरिए होती थी।

एक अधिकृत कर्मी
वाहन चालकों को डीजल-पेट्रोल की पर्ची जारी करता था और वाहन
चालक को उसके लिए नियमित रूप से उसका चक्कर काटना पड़ता
था। इसके अलावा निजी वाहन के मुकाबले सरकारी सिस्टम में
पेट्रोल-डीजल पर अधिक खपत की आशंका थी।

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