सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश, गुमराह करने वाले ऑनलाइन गेमिंग विज्ञापन पर लगेगी रोक

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत में ऑनलाइन गेमिंग, फैंटसी गेमिंग आदि को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि बड़ी संख्या में ऑनलाइन गेमिंग, भ्रामक खेलों आदि के विज्ञापन टेलीविजन पर दिखाए जा रहे हैं । यह चिंता व्यक्त की गई कि इस तरह के विज्ञापन भ्रामक प्रतीत होते हैं, उपभोक्ताओं को सही रूप से वित्तीय लाभ नहीं देते हैं और इसके साथ जुड़े अन्य जोखिम, केबल टेलिविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत निर्धारित विज्ञापन नियमावली के अनुरूप नहीं हैं।

ऐसे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उपभोक्ता मामले मंत्रालय एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई), न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए), इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ), फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) और ऑनलाइन रूमी फेडरेशन (ओआरएफ) के हितधारकों के साथ 18.11 .2020 को एक बैठक बुलाई

बैठक में विचार-विमर्श और परामर्श के बाद यह सहमति हुई कि एएससीआई विज्ञापनदाताओं और प्रसारणकर्ताओं के लाभ के लिए एक उचित दिशा-निर्देश जारी करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विज्ञापन पारदर्शी हों और उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करें। एएससीआई ने प्रस्ताव दिया है कि ये दिशा-निर्देश 15 दिसंबर, 2020 से प्रभावी होंगे।

ऑनलाइ गेमिंग के विज्ञापन के लिए दिशा-निर्देश

कोई भी गेमिंग विज्ञापन 18 वर्ष से कम आयु अथवा 18 वर्ष से कम आयु का प्रतीत होने वाले किसी भी व्यक्ति को वास्तविक धनराशि जीतने के लिए खेले जा रहे ऑनलाइन खेल में शामिल नहीं दिखा सकता अथवा ऐसा व्यक्ति इन खेलों को खेल सकता है इसका सुझाव नहीं दे सकता।

गेम में वित्तीय जोखिम शामिल है और इसका लत लग सकता है।

इस तरह के अस्वीकरण के लिए विज्ञापन में 20 प्रतिशत से कम जगह नहीं होनी चाहिए।

इसे एएससीआई कोड में विशेष रूप से निर्धारित अस्वीकरण दिशा निर्देशों 4 (1) (ii) (iv) और (viii) को पूरा करना चाहिए।

इस गेम में वित्तीय जोखिम शामिल है और यह व्यसनकारी हो सकता है। कृपया जिम्मेदारी से और अपने जोखिम पर खेलें। इस तरह के अस्वीकरण को विज्ञापन के अंत में सामान्य बोलचाल की भाषा में होनी चाहिए।

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