सभी पांडव भाइयों में आप सबसे श्रेष्ठ किसे मानते हैं?

कर्मक्षेत्र में व्यक्ति को भीम की तरह होना चाहिए।

उधर दुःशासन के हाथ द्रोपदी के चीर तक पहुंचे इधर भीम ने प्रतिज्ञा ले ली ,तेरी छाती फाड़कर लहू पीउंगा।
100 के 100 कौरव खुद अपने हाथ से मारे और ऐसा करने के लिए किसी गीता ज्ञान की आवश्यकता नहीं थी।
भीम पहले दिन से एकमत था कि कौरव और हमारे बीच कभी कोई सुलह नहीं हो सकती, युधिष्ठिर जो भलमनसाई कर रहे हैं कोई फल नहीं मिलना । आगे जाकर ऐसा ही हुआ।
इसलिए युद्ध से पहले दुर्योधन कहता है भीम द्वारा रक्षित पांडवों की सेना (जबकि विराट युद्ध में अर्जुन अकेले ही सारे कौरवों को हरा चुका था)
शत्रु को पहचानने में यधिष्ठिर से और युद्ध में विध्वंसक होने के मामले में भीम अर्जुन से कई गुना बेहतर था।
लेकिन व्यक्तिगत् जीवन में व्यक्ति को अर्जुन की तरह होना चाहिए।

सभी पौत्रों में भीष्म का सबसे प्रिय अर्जुन है
सभी शिष्यों में द्रोण का सबसे प्रिय अर्जुन है
पांचों पतियों में पंचाली का सबसे प्रिय अर्जुन है
और भगवान कृष्ण को तो सबसे प्रिय अर्जुन है ही
एक अर्जुन ही है जो अकेला इतने लोगों का प्रिय हो सकता है
वर्क लाइफ में भीम और पर्सनल लाइफ में अर्जुन जो ये सामंजस्य बैठा पाए उसका फिर कोई तोड़ नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *