“सब तीर्थ बार – बार गंगा सागर एक ही बार” इससे क्या अभिप्राय है?

गंगासागर भारत के तीर्थों में एक महातीर्थ है। गंगाजी इसी स्थान पर आकर सागर में मिलती हैं। इसी स्थान पर राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ था। यहां मकर संक्रान्ति पर बहुत बड़ा मेला लगता है जहां लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं। कहते हैं यहां संक्रान्ति पर स्नान करने पर सौ अश्वमेध यज्ञ और एक हजार गऊएं दान करने का फल मिलता है।

भारत की नदियों में सबसे पवित्र गंगा नदी है जो गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में आकर सागर में मिलती है। गंगा का जहां सागर से मिलन होता है उस स्थान को ‘गंगासागर’ कहते हैं। इसे सागरद्वीप भी कहा जाता है।

यह स्थान देश में आयोजित होने वाले तमाम बड़े मेलों में से एक गंगासागर मेला के लिए सदियों से विश्वविख्यात है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में इसकी चर्चा मोक्षधाम के तौर पर की गई है, जहां मकर संक्रान्ति के मौके पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लेकर आते हैं और सागर-संगम में पुण्य की डुबकी लगाते हैं।

पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित इस जगह तक पहुंचना इतना दुर्गम है कि शायद इसीलिये ये कहा गया है कि सारे तीरथ बार बार गंगासागर एक बार

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