शेर जंगल का राजा क्यों है, चीता क्यों नहीं? जानिए वजह
शेर को जंगल का राजा क्यों कहा जाता है। इसके कारण निम्न गुणहोते है जो चीता या अन्य किसी भी जानवर में नहीं होते हैं।
1 . हमेशा झुंड में रहना पसंद करते हैं और हर झुंड में 20 सदस्य होते हैं उनमें बच्चे भी शामिल होते हैं
2 . इस झुंड का पेट भरने की जिम्मेदारी शेरनी की होती है ने की शेरों की होती है |
3 . अपने बच्चों की देखभाल शेरनी ही करती है जैसे कि अपने बच्चों की सफाई करना ,पानी तक ले जाना, खाने की व्यवस्था करना | यह सब शेरनी ही करती है , शेर नहीं करता है | फिर भी इस शेर को राजा कहा जाता है क्यों ?
4 . फीमेल यानी की शेरनी साइज में शेर से छोटी होती है तथा शेर से ज्यादा एक्टिव होती है यानी कि झुंड का सबसे सक्रिय सदस्य शेरनी होती है |
5 . झुंड की सारी शेरनीया मिलकर के एक स्टेटजी बनाती है तथा शिकार करती है |
शेरनी की की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा होती है |
6 . शेर आलसी जानवर होते हैं बताइए छिपकर के हमला करते हैं तथा शिकार करते हैं |
7 . एक शेर झुंड के दूसरे शेर पर कब्जा करने की कोशिश करता है और जब वह कब्जा करने में कामयाब हो जाता है तो झुंड में उपस्थित शेरनी के बच्चों को मार देता है | ताकि वह अपने बच्चे पैदा कर सके और शेर अक्सर ऐसा करते हैं |
8 . इससे छुटकारा पाने के लिए जब शेरनी शिकार पर जाती है तो शेर अपनी फैमिली की सुरक्षा करता है| इसी वजह से शेरों को राजा कहा जाता है
9 . शेरनी को इस बात का पता होता है की अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक पिता का होना जरूरी होता है | पिता ही शेरनी की गैर मौजूदगी में बच्चों की सुरक्षा करता है इस वजह से शेर को राजा कहा जाता है |
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शेर का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जंगल का यह राजा और इसके अन्य परिवारीय सदस्य जैसे चीता, तेंदुआ, सिंह, बाघ सभी खूंखार और विशाल जानवर है । जीव वैज्ञानिकों ने इसे क्लास मेमेलिया के बिल्ली परिवार के तहत वर्गीकृत किया है। सिंह को पैंथरो लियो, शेर को पैंथरो टाइगर, बाघ को पैंथरो टाइग्रेस, तेंदुआ को पेंथरा पार्डज्स कहा जाता है। सभी पैंथर वंश के ही वंशज हैं। भारत में शेर आदिकाल से ही पाए जाते हैं। भारतीय संस्कृति और प्राचीन साहित्य में सिंह या शेर का व्यापक चित्रण हुआ है। शेर को बलवान, पराक्रमी, शक्तिशाली, गौरवपूर्ण ओजस्वी जानवर माना गया है । संस्कृत में एक श्लोक के अनुसार शेर जंगल का अघोषित राजा है। हाथी के अलावा किसी ने भी आज तक शेर की बादशाहत को चुनौती नहीं दी है। देवी दुर्गा का वाहन है शेर, भगवान शंकर हमेशा बाघंबर धारण करते हैं।