शांगरी ला घाटी में कौन से रहस्य छिपे हैं? जानिए

भारतीय भूमि अनेक विविधताओं व रहस्यों से भरी पड़ी है ऐसे ही एक अबूझ पहेली का नाम है शांगरी ला इसे अन्य नामो से भी जाना जाता है…शंभाला..सिद्धाश्रम..ज्ञानगंज ये सभी एक ही जगह के कई नाम हैं. जो भारत औऱ तिब्बत के बीच स्थित कैलाश पर्वत की घाटियों में स्थित है. ये दुनिया की एकमात्र जगह है जहां मौत या बीमारी जैसे किसी तरह के डर नहीं रह जाते. लेकिन ये जगह दुनिया की निगाहों से ओझल है.

शांगरी ला अर्थात सिद्धाश्रम दुनिया की एक ऐसी जगह है. जो इस दुनिया में रहते हुए भी इससे परे है. वहां का अनुभव रखने वाले लोगों ने इसे भू-शून्य और वायु-शून्य करार दिया है. यहां पर समय अपना प्रभाव नहीं छोड़ता.

यानी इस दुनिया में अगर कोई व्यक्ति जाता है तो समय का प्रभाव नहीं होने के कारण उसकी उम्र बढ़ने की गति रुक जाती है. वह अधिक समय तक युवा रहता है. इसके अतिरिक्त उस पर किसी तरह की रोग या बीमारी का प्रभाव भी नहीं पड़ता. किसी तरह का रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया या वायरस दूसरे आयाम में प्रवेश ही नहीं कर सकते. क्योंकि उनका जीवन काल इसी आयाम तक सीमित है.

केवल यही नहीं बल्कि इस घाटी में प्रवेश करने पर प्राण, मन के विचार की शक्ति, शारीरिक क्षमता और मानसिक चेतना कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है.

यह एकमात्र ऐसी जगह है जो कि पृथ्वी के तीनो आयामों(Dimensions) से परे चौथे आयाम में स्थित है. आम तौर पर हमारी दुनिया लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई इन्हीं तीन आयामों की वजह से आसानी से दिखाई देती है. लेकिन इससे परे भी कई आयाम हैं. प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने आयामों की संख्या 11 तक बताई है. शांगरी-ला घाटी इसमें से चौथे आयाम में स्थित है. लेकिन हम अपने तीनो आयामों में कार्य व्यवहार करने के इतने आदी हो चुके हैं कि हमें चौथे आयाम की वस्तुएं दिखाई नहीं देतीं.

केवल ध्यान की उच्चतर अवस्था तक पहुंचे सिद्ध योगियों ही दूसरे आयाम की वस्तुओं या स्थानों को देख सकते हैं. इसलिए शांग्री-ला हमारी निगाहों से परे है.
नेशनल जियोग्राफिक चैनल की एक टीम ने भी शांग्रीला घाटी की तलाश की कोशिश की. लेकिन उनकी टीम मात्र शांग्री-ला घाटी के बाहरी हिस्से तक ही पहुंच पाए. इसका वीडियो आप यहां देख सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *