शमी का पौधा कैसा दिखता है? इसे घर में लगाने का क्या महत्व है? जानिए

हमारा देश अनेक प्रकार की वनस्पतियों से समृद्ध है। हिमालय क्षेत्र में तो जड़ी बूटी,फल फूल तथा वनस्पतियों के विविध भंडार हैं। जो अनेक प्रकार के रोगो का निदान करने में समर्थ हैं। उन्हीं में से एक संजीवनी बूटी के विषय में तो हम सब जानते ही हैं। इसी प्रकार शमी का वृक्ष भी अपने गुणों के कारण विख्यात है।इस वृक्ष में इतनी खूबियां हैं कि शनि जैसे कठोर ग्रह को भी प्रसन्न करने में सक्षम हैं और बाबा भोलेनाथ तो भोले हैं ही, वह भी शमी का फूल अर्पण करने से प्रसन्न हो जाते हैं।

सबसे पहले इस वृक्ष का जिक्र हमें रामायण में मिलता है।लंका पर चढ़ाई करने से पहले भगवान श्रीराम ने शिव जी के साथ साथ शमी के वृक्ष की भी पूजा की थी।

द्वापर में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने अपने अस्त्र शस्त्र इसी वृक्ष के घने कोटर में छिपाये थे।यह वृक्ष यदि जमीन पर लगाया जाए तो यह बहुत घना और विशाल हो जाता है। इसमें कांटे भी होते हैं और इसके फूल एकदम अलग तरह के होते हैं.

भगवान शिव और गणेश जी को यह फूल बहुत पसंद है। कहते हैं एक फूल की कीमत एक लाख बेलपत्र के बराबर मानी जाती है।सावन में शिव जी को एक फूल चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं। गणेश जी को भी यह फूल बहुत पसंद है। बुधवार को दूर्वा के साथ यह फूल गणेश जी को चढ़ाना चाहिए। इससे लक्ष्मी जी की कृपा हम पर बनी रहती है।

शनिदेव की कृपा प्राप्त करने में तो यह फूल बहुत मदद करता है। कहते हैं अपने घर में इसका पौधा दरवाजे के पास लगाना चाहिए तथा रोज़ जल चढ़ाना चाहिए। शनिवार के दिन शाम को तेल का दीपक जलाने से शनिदेव शांत और प्रसन्न होते हैं।

शमी की लकड़ी नहाने के पानी में डुबोकर नहाने से भी शनि की साढ़ेसाती में कष्टो से निजात मिलती है।।

पूजा पाठ में भी शमी की लकड़ी का महत्व है।इसे पौधे के रूप में गमले में भी लगाया जा सकता है। मैं इस पौधे के बारे में इतना इसलिए बात कर सक रही हूं क्योंकि यह पौधा बल्कि कहिए वृक्ष हमारे यहां लगा हुआ है और हर बरसात के मौसम में इसमें खूब फूल भी आते हैं। गमले में यदि लगाना है तो काफी बड़े साइज के गमले में लगाने से खूब पनपता है। यदि जमीन पर लगाया जाएगा , तो यह उचित देखभाल से वृक्ष बन जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *