शनि को शनैश्चर भी क्यों कहा जाता है?
शनिदेव की सौतेली माँ की वजह से शनिदेव को श्राप लगा गया था जिस वजह से वे लंगड़े हो गए थे, कुछ विद्वानों के मतानुसार हनुमान जी और शनि देव की लड़ाई में शनि देव लंगड़े हो गए जिसके कारण शनि देव धीरे-धीरे चलते हैं,
अन्य मतानुसार रावण ने शनिदेव की टांग तोड़ दी थी जिसके कारण वह धीरे धीरे चलते हैं, इसीलिए शनि देव को शनैश्चर यानी कि शनै: शनै: चलने वाला कहा जाता है, कथा इस प्रकार कहीं गई है.
सूर्य देव का तेज उनकी पत्नी संज्ञा देवी सहन नहीं कर पा रही थी जिस वजह से उन्होंने अपने शरीर से अपने जैसी ही एक प्रतिमूर्ति तैयार की और उसका नाम स्वर्णा रख दिया. संज्ञा ने स्वर्णा को आदेश दिया कि तुम मेरी अनुपस्थिति में सूर्य देव की सेवा करो और पत्नी सुख प्राप्त करो. स्वर्णा को ये आदेश देकर वह अपने पिता के घर चली गई.संज्ञा देवी के प्रतिरूप स्वर्णा को सूर्य देव भी पहचान नहीं पाए, इसी बीच सूर्यदेव से स्वर्णा को पांच पुत्र व दो पुत्रियाँ हुई.स्वर्णा अपने बच्चों का ध्यान तो रखती लेकिन संज्ञा के बच्चों की उपेक्षा करने लगी. तभी एक दिन संज्ञा के पुत्र बालक शनि को तेज भूख लगी तो उसने अपनी माँ से भोजन माँगा.
तब स्वर्णा ने कहा अभी तुम कुछ देर ठहरों, पहले मैं भगवान को भोग लगा लूँ, तुम्हारे छोटे भाई बहनों को खाना खिला दूँ फिर तुम्हे भोजन दूंगी. इतना सुनते ही बालक शनि को क्रोध आ गया और उसने भोजन को लात मारने के लिए अपना पैर उठाया, तभी स्वर्णा ने बालक शनि को श्राप दे दिया कि तेरा पाँव अभी टूट जाये.श्राप के डर से शनि अपने पिता सूर्य देव के पास गए और सारा किस्सा सुना दिया.तब सूर्य देव को समझ आया कि कोई भी माता अपने बच्चे को इस तरह का श्राप नहीं दे सकती. तब सूर्य देव शक हुआ और उन्होंने क्रोध में आकर पूछा कि बताओ तुम कौन हो? सूर्य का तेज देखकर स्वर्णा घबरा गई और संज्ञा की सारी सच्चाई बता दी.
तब सूर्य देव ने बालक शनि को बताया कि स्वर्णा तुम्हारी माता तो नहीं है परन्तु माँ का प्रतिरूप है इसलिए उसका श्राप व्यर्थ तो नहीं जाएगा लेकिन उतना कठोर भी नहीं होगा.इसका मतलब है कि श्राप से तुम्हारी टांग तो नहीं टूटेगी लेकिन तुम आजीवन लंगड़ाकर जरुर चलोगे. कहा जाता है कि तब से लेकर आज तक शनि देव लंगड़ाकर ही चलते है और यही कारण उनकी मंदगति का भी है.
ज्योतिष शास्त्र का पक्का विद्यार्थी हूं पुस्तक कैसे दूर करें शनि पीड़ा को मैंने अनेकों बार पढ़ी है निष्कर्ष के रूप में मैंने सरल उत्तर लिखा है, यही मेरे उत्तर का मूल स्रोत है,चित्र सोर्स है गूगल इमेजेस, उम्मीद है आपको पसंद आएगा