वकील मुफ्त में कानूनी सलाह क्यों नहीं देते हैं?

अब क्योंकि आपने पूछा है कि वकील मुफ्त सलाह क्यों नही देते, तो आपको बता दूँ की ऐसा नही है कि वकील मुफ्त सलाह नही देते, आप जब किसी वकील से मिलेंगे या फ़ोन पर बात करेंगे तो वो आपको मुफ्त सलाह भी दे सकते है, और नही भी।

अब आपको मैं अपने बारे में ही बताता हूँ कि मैं कैसे सलाह देता हूँ।

मैं क्योंकि कुछ ऑनलाइन वेबसाइट के पैनल पर हूँ जिनमे से एक वेबसाइट का पता वा व्हाट्सएप्प नंबर मेरे परिचय में भी है। तो जब भी कोई उस वेबसाइट पर जाता है तो उसको वहाँ फ्री कंसल्टेशन पेज मिलता है, तथा उसी पेज पर फ़ोन पर बात करके सलाह 499 रुपये का भुगतान करके लेने का भी विकल्प आता है।

अब आपके पास ऑप्शन होता है कि आप अगर मुफ्त सलाह चाहते है तो आप अपने केस के बारे में लिखकर उसी पेज पे मौजूद फॉर्म के द्वारा वेबसाइट को भेज सकते है। अब क्योंकि आपने फ्री सलाह का विकल्प चुना, मतलब आप फ्री सलाह चाहते है तो वेबसाइट आपके सवालों को उस वेबसाइट से जुड़े हुए किसी भी अधिवक्ता को भेज देती है।

अधिवक्ता के पास आपकी कॉन्टैक्ट डिटेल नही जाती केवल आपका सवाल जाता है। आपका सवाल प्राप्त होने के 24 से 48 घंटो के अंदर आपको लिखित में बिना फ़ोन पे बात किये आपके सवाल का जवाब व्हाट्सएप्प के या ई-मेल के माध्यम से आपको भेज दिया जाता है।

फ्री सलाह भी काम की हो सकती है परंतु वो सलाह केवल आपके लिखे सवाल पर आधारित होती है तो उसका जवाब भी उसी लिमिटेड जानकारी के आधार पर दिया जाता है, इसमें आपको या अधिवक्ता को एक दूसरे से बात करने का अवसर नही होता। इसके कारण अधिवक्ता मज़बूरी में अंदाज़े से बिना केस की पूरी स्थिति को समझे आपको लिखित में सलाह दे देते है।

अब आते है भुगतान के बाद सलाह पर। तो इसमें आप अधिवक्ता से लगातार जितनी देर चाहे बात कर सकते है। इसमें लाभ ये होता है कि अधिवक्ता आप से और आप अधिवक्ता से सवाल जवाब करके अच्छी प्रकार से एक दूसरे की बात को समझ लेते है। अब क्योंकि अधिवक्ता आपसे सीधे बात कर रहे होते है तो वो ना सिर्फ आपके केस को बल्कि संबंधित परिस्थितियों को समझकर आपको उचित सलाह देते है।

जहाँ तक मेरा सवाल है तो आपको बता दूँ कि मेरी माँ कहती है कि सबसे बड़ा वकील हूँ मैं। तो अगर गलती से आपने मुझसे बात कर ली तो आप फ़ोन काटना ही भूल जाएंगे, और सलाह ऐसी मिलेगी कि दिमाग की बत्ती जल जाएगी, और जब तक आप फ़ोन रखेंगे आप अपने केस के संबंधित सारे कानून मुझसे समझकर वकील बन चुके होंगे। (ये सच है, मेरी तारीफ मेरे द्वारा है, तो भी सच है)

अब आप सोच रहे होंगे कि सलाह ही तो है, पैसे क्यों लेने, बात भी फ्री कर ही सकते है अधिवक्ता। इसमें जाता ही क्या है एक वकील का।

तो जनाब वकील की जो सलाह आप मुफ्त लेना चाह रहे है वो एक सलाह देने के लिए एक वकील को ना सिर्फ वकालत की डिग्री लेनी होती है बल्कि उसको सारी उम्र पढ़ते रहकर खुद को इस लायक बनाये रखना होता है कि वो आपके कानूनी प्रश्न का जवाब दे सके। और जो वकील का समय आपसे बात करने में जाता है उसका उसको कोई मूल्य नही मिलता, जबकि उस समय मे वो अपना कोई और काम करके जीविका कमा सकता था।

अब जो नही जानते उनको बता दूँ कि वकीलो को एडवोकेट एक्ट कानूनन कोई भी और काम या व्यवसाय करने की इजाज़त नही देता, एक वकील चाहकर भी वकालत के सिवा कोई और काम नही कर सकता। ऐसा प्रतिबंध और किसी प्रोफेशन में नही है। इसलिए वकील जीविका के लिए सिर्फ और सिर्फ अपनी वकालत के ऊपर ही निर्भर होता है।

देखा जाए तो वकील का दिमाग एक दुकान होती है जिसमे वो कानूनों का ज्ञान हासिल करके उस ज्ञान को सज़ा कर रखता है। अब आप यदि वो ज्ञान लेना चाहते है तो आपको उसका मूल्य चुकाना ही चाहिए। नही तो फ्री में तो आपको कोई सैंपल पीस ही सलाह के रूप में मिल सकता है।

अब आप सोच रहे होंगे इस जवाब में तो वकील साहब ने जम कर अपनी मार्केटिंग कर दी। अगर आप ये ही सोच रहे हैं तो आप बिल्कुल सही हैं। मुझे ये बताने में कोई हर्ज नही कि सिर्फ क्योरा से ही मुझसे फ़ोन पर बात करके सलाह लेने वालों की संख्या रोज़ के हिसाब से 15 से 25 के बीच रहती है। तो औसतन 20 लोग मुझसे रोज़ सिर्फ क्योरा के माध्यम से ही फ़ोन पर सलाह लेते हैं , तो अब यदि मुझे क्योरा पर अपना समय भी देना पड़ता है तो वो भी व्यर्थ नही जाता।

अब आते है मिलकर यदि कोई सलाह लेता है तो क्या उसको फ्री सलाह मिलती है ?

जब कोई मिलकर कहता है वकील साहब आप मेरा केस लड़ो। तो उसको सलाह मुफ्त मिलती है, तब क्लाइंट को सब कुछ समझाया जाता है, अब वो अपना केस देता है तो वो केस की फीस भी देता है तो एक तरह से देखा जाए तो उसकी सलाह भी मुफ्त नही होती, वो केस की फीस के साथ ही मिल जाती है।

अब यदि कोई आया कि मेरा केस कही चल रहा है मुझे सिर्फ सलाह लेनी है, या वो अभी वकील नियुक्त नही करना चाहता तो ऐसे में क्योंकि केस डिसकशन में समय लगता है पेपर्स को पढ़ना पड़ता है तो वकील ऐसे में फीस जरूर लेते है, जहाँ तक मेरा सवाल है तो ये फीस 2500/- रुपये होती है।

अब आते है बिल्कुल मुफ्त और अच्छी सलाह कब देते है वकील। तो वो तब ही होता है जब आप अपनी स्टोरी से वकील को संतुष्ट कर दे कि आप फीस नही दे सकते या आप सच मे परेशान है। आप मानेंगे नहीं ऐसे लोग बहुत होते है, और उनको मेरे साथ-साथ बहुत से वकील ना सिर्फ मुफ्त सलाह देते है, बल्कि उनका केस भी लड़ते है।

मेरे से किसी को भी मुफ्त सलाह या केस लड़वाना होता है, और अगर वो लोग थोड़ा भी मुझको जानते है तो वो सीधा मेरी माँ से संपर्क करते है, माँ का फ़ोन आया नहीं कि गई मेरी फीस चूल्हे में, अब पूरा केस मुफ्त लड़ो। ?

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