लियोनार्डो दा विंची के चित्रों में ऐसा क्या होता था जो वे इतने प्रसिद्ध होते थे?

लिओनार्दो दा विंची के दो चित्र सबसे फेमस है जिनकी वजह वजह से उनको पहचान मिली और यह चित्र और उनकी कुछ व्याख्या दी गई है जिसके बाद अब खुद जान जाएंगे कि इनमें क्या अद्भुत है

इस चित्र में ईसा मसीह (जीसस) अपने बारह शिष्यों के साथ सफेद चादर बिछी एक मेज पर रखे भोजन को ग्रहण करते दिखाए हैं. बताया जाता है कि जूडस नाम का वह अनुयायी भी इस समय भोज में शामिल था जिसने आगे चलकर ईसा मसीह को धोखा दिया. जीसस इस बात को जानते थे.

बाइबिल के मुताबिक वे कहते हैं कि ‘तुम लोगों में से कोई एक विश्वासघात करने वाला है.’ ये शब्द सुनकर उनके अनुयायियों में हलचल मच जाती है और वे इस पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया देते हैं. बताया जाता है कि इन्ही क्षणों की कल्पना करते हुए लियोनार्दो ने इस तस्वीर को उकेरा था.

द लास्ट सपर

कहते हैं कि इसे बनाने में लियोनार्दो को तकरीबन तीन साल का समय लगा था. द लास्ट सपर की खासियत यह है कि इसमें सभी अनुयायियों के चेहरे और भावभंगिमाएं बिल्कुल स्पष्ट दिखाई देती हैं. वे एक-दूसरे के निकट और जीसस से दूर हैं. दूसरी तरफ इस तस्वीर के मध्य में जीसस हैं जो अपने अनुयायियों से घिरे हुए हैं और उसके बावजूद बिल्कुल अकेले दिखते हैं. इस तरह के गूढ़ संदेशों के चलते इस तस्वीर को दुनिया भर में एक अलग ही स्थान प्राप्त है.

1503 में लियोनार्दो ने रहस्यमयी मुस्कान वाली रहस्यमयी महिला ‘मोनालिसा’ के चित्रण का काम शुरु कर दिया. जानकार कहते हैं कि लियोनार्दो ने इस तस्वीर में मोनालिसा के मुंह के किनारों और आंखों को इस तरह छायांकित किया है कि मोनालिसा की मुस्कान के कई अर्थ निकाले जा सकते हैं. इन्हीं अलग-अलग मतों के चलते यह तस्वीर हमेशा विवादस्पद रही है.

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि मोनालिसा की मुस्कान में दैवीय प्रभाव है तो वहीं दूसरों का मानना है कि इन भावों के जरिए वह अपने दुखों को छिपाने की कोशिश कर रही है. उधर, कुछ लोग कहते हैं जिस तरह से मोनालिसा का चित्रण किया गया है उससे पता चलता है कि वह गर्भवती होने के साथ-साथ अपने जीवन को लेकर बहुत निश्चिन्त भी है.

मोनालिसा

मोनालिसा के भावों के अलावा मोनालिसा की पहचान भी आज तक रहस्यमयी बनी हुई है. कुछ लोगों का मानना है कि मोनालिसा नेपल्स की राजकुमारी की तस्वीर है. कई जानकार कहते हैं कि यह चित्र लियोनार्दो ने अपनी मां की याद में बनाया था. वहीं कई विशेषज्ञों का कहना है कि मोनालिसा कोई औरत थी ही नहीं बल्कि वह लियोनार्दो के शिष्य सलाई का औरत के भेष में बनाया गया चित्र है. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि मोनालिसा कोई और नहीं बल्कि लियोनार्दो द्वारा औरत के भेष में खुद की ही बनाई तस्वीर है. कई आधुनिक जांचों में मोनालिसा के भावों और लियोनार्दो द विंची के चेहरे में कई समानताएं होनें की खबरें सामने आती रही हैं.

इन रहस्यों के अलावा मोनालिसा कई और मायनों में भी खास है. कई जानकार कहते हैं कि इस तस्वीर को लियोनार्दो ने 1506 तक तैयार कर लिया था, जबकि कुछ लोगों का यह मानना है कि वे इस तस्वीर में मोनालिसा के होठों को 1517 तक बनाते रहे थे. इसके अलावा यह तस्वीर अपने-आप में ऐसा पहला उदाहरण है जिसमें किसी विषयवस्तु के पीछे काल्पनिक प्राकृतिक दृश्यों को उकेरा गया हो. साथ ही जब आप इस तस्वीर को गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि लियोनार्दो ने क्षितिज की रेखा को आम तरीके की तरह मोनालिसा की गर्दन के पीछे बनाने के बजाय उसकी आंखों के पीछे बनाया है. यह एक ऐसा तरीका है जो मोनालिसा के भावों को और रहस्यनुमा बनाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *