रोटी कौन देता है, कर्म या भगवान? जानिए

हिन्दू धर्म में गाय, कौए, कुत्ते, चींटी और सांप को अन्य पशु और पक्षियों की अपेक्षा अधिक महत्व दिया गया है, जबकि इनमें से कुत्ते और सांप को यहूदी धर्म से निकले धर्म के लोग शैतानी शक्ति का मानते हैं। आखिर क्यों? इस्लाम की तरह हिन्दू धर्म में भी कुत्ता पालना वर्जित है। प्रत्येक प्राणी में जहां नकारात्मक गुण हैं, वहीं उसमें सकारात्मक गुण भी होते हैं। हिन्दू धर्म में प्रत्येक प्राणी के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही गुणों की चर्चा की गई है। कुत्ता किसे पालना चाहिए और किसे नहीं? इसके बारे में भी स्पष्ट लिखा है।

प्रत्येक हिन्दू घर में जब भोजन बनता है तो पहली रोटी गाय के लिए और अंतिम रोटी कुत्ते के लिए होती है। भोजन करने के पूर्व अग्नि को उसका कुछ भाग अर्पित किया जाता है जिसे अग्निहोत्र कर्म कहते हैं।> > प्रत्येक हिन्दू को भोजन करते वक्त थाली में से 3 ग्रास (कोल) निकालकर अलग रखना होता है।

यह तीन कोल ब्रह्मा, विष्णु और महेश के लिए या मन कथन के अनुसार गाय, कौए और कुत्ते के लिए भी रखा जा सकता है। यह भोजन का नियम है। फिर अंजुली में जल भरकर भोजन की थाली के आसपास दाएं से बाएं गोल घुमाकर अंगुली से जल को छोड़ दिया जाता है। अंगुली से छोड़ा गया जल देवताओं के लिए और अंगूठे से छोड़ा गया जल पितरों के लिए होता है। प्रतिदिन भोजन करते वक्त सिर्फ देवताओं के लिए जल छोड़ा जाता है।
गाय, कुत्ता, कौआ और चींटी क्यों हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माने गए हैं। .

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