रेल की लाइन पर बहुत सारे पत्थर क्यों रखे जाते हैं , जानिए
आमतौर पर रेलवे ट्रैक पर यदि कोई पत्थर रखा जाए तो ये मुख्यतः उस पत्थर के आकार पर निर्भर करता है कि वो ट्रेन के लिए कितना घातक हो सकता है। साथ ही ट्रेन किस गति से उस पत्थर से टकराएगी या उसके ऊपर से गुजरेगी, ये भी महत्वपूर्ण है। लेकिन जैसा कि प्रश्नकर्ता ने प्रश्न में ही स्पष्ट कर दिया है कि वो वहीं ट्रैक पर मौजूद पत्थर ही उठा कर ट्रैक पर रखेंगे, यह जानकर मेरी चिंता थोड़ी कम हुई, क्योंकि जिस आकार के पत्थर ट्रैक पर बिछाए जाते हैं, उनमें बड़े से बड़ा पत्थर भी ट्रेन को पलट नहीं सकता है, चाहे ट्रेन की गति कितनी भी हो।
क्योंकि बहुत बार ट्रेन संचालन के दौरान मैं ऐसी परिस्थितियों से दो- चार होता हूँ कि जब ट्रेन तेज गति से चल रही हो और रेलवे ट्रैक पर शरारती बच्चों द्वारा वहीं आसपास से उठा कर पत्थर रख दिए गए हों। ऐसी स्थिति में पत्थर अचानक पहिए के नीचे आने पर एक जोरदार झटका जरूर लगता है।
लेकिन फिर भी मेरी सलाह है कि कृपया कोई भी इस तरह की बचकाना हरकत ना करे। क्योंकि पहली बात तो ऐसा करने के लिए आपको रेलवे ट्रैक के नजदीक जाना पड़ेगा, ऐसे में यदि तेज गति से आती हुई ट्रेन को देख कर, हड़बड़ाहट में आपका संतुलन बिगड़ता है तो ये ट्रेन के लिए नहीं बल्कि पत्थर रखने वाले के लिए ही घातक हो सकता है। दूसरी बात, जब ये पत्थर तेज गति से गुजरती ट्रेन के पहिये के नीचे आता है तो या तो पूरा पत्थर पहिये से टकरा कर या कुचले जाने के बाद उसके छोटे टुकड़े वहाँ पास में उपस्थित व्यक्ति के शरीर से टकराकर उसे घायल कर सकते हैं, और वो घायल होने वाला व्यक्ति पत्थर रखने वाला भी हो सकता है।
बहुत संभव है कि पत्थर रखने वाला व्यक्ति बहुत ही ज्यादा पेशेवर हो (रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखने में), तो वो ऊपर बताए गए खतरों से अपने आप को बखूबी बचा ले जाएगा। लेकिन फिर भी ऐसा करना सरासर गलत है, क्योंकि और कुछ भी ना हो लेकिन इस हरकत की वजह है बहुत मामूली ही सही, लेकिन रेलवे ट्रैक को क्षति पहुँचती है। कृपया याद रखिए कि रेलवे की संपत्ति, ये हमारे राष्ट्र की संपत्ति है, अतः ऐसा कोई भी काम ना करें जिससे इसे नुकसान पहुँचने की संभावना उत्पन्न हो। दूसरी बड़ी क्षति लोकोमोटिव के पहिए को भी होती है। इस तरह के आघातों से पहिए के ट्रेड पर गड्ढे हो सकते हैं।
इस प्रकार यदि रेलवे ट्रैक पर कोई पत्थर (ट्रैक पर से उठा कर) रखा जाए तो भले ही वह प्रत्यक्ष रूप से ट्रेन के लिए घातक ना हो, मतलब उससे ट्रेन पलट नहीं सकती हो, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ये ट्रैक और पहिए को नुकसान पहुँचा सकता है। अतः इस तरह के कारनामों को अंजाम देने से बचना चाहिए।