रेल की पटरी के ऊपर लगे हुए बिजली के तार (विशेषकर नीचे वाला तार) कैसे टिके रहते हैं?
रेल की पटरी के ऊपर रेल इंजन को बिजली देने हेतु ऊपर में 2 तार लगे रहते हैं ।
- कैटेनरी वायर
- कॉन्टैक्ट वायर
सबसे ऊपर वाले तार को कैटेनरी वायर करते हैं क्योंकि इसकी आकृति एक कैटेनरी जैसी होती है क्योंकि अपने ही वजन के कारण अधिकतम बीच मे झुका हुआ रहता है । कैटेनरी वायर ज्यादा मोटा होता है और इसका काम तनाव बल को वहन करना होता है जिससे कि यह अपना वजन और नीचे लगे हुए कॉन्टैक्ट वायर का वजन वहन कर सके । इसीलिए इसमें गोल गोल वजन लगे रहते हैं जिन्हें काउंटर वेट कहते हैं।
सबसे नीचे वाले तार को कॉन्टैक्ट वायर कहते हैं और यह इंजिन के पैंटोग्राफ के संपर्क में आता है और इसी के द्वारा विद्युत धारा इंजन में प्रवाहित होती है।
ऊपर के चित्र में सबसे ऊपर नीले रंग का जो तार दिखाई पड़ रहा है वह कैटेनरी वायर है और जो नीचे में लाल रंग में बिल्कुल सपाट और सीधा तार दिख रहा है वह कॉन्टैक्ट वायर है अब इस प्रश्न के जवाब पर हम आते हैं तो ऊपर के चित्र से यह स्पष्ट है कि नीचे का तार बीच में हरे रंग के छोटे-छोटे तार के सहारे टिके हुए हैं जिन्हें ड्रॉपर कहा जाता है।
इसकी तस्वीर नीचे देख सकते हैं।
ये ड्रॉपर एन्ड में सबसे लंबे और बीच में सबसे छोटे होते हैं इनकी लंबाई भी पूर्व निर्धारित होती है . विस्तृत चित्र ड्रॉपर का नीचे है।