रेल की पटरियों के इर्द-गिर्द नुकीले पत्थर क्यों पड़े होते हैं?
जब ट्रेन चलती है, तो उससे ज़मीन और पटरियों में कंपन पैदा होती है जिससे पत्थरों में भी कंपन पैदा होती है। पत्थर नुकीले होने के कारण एक-दूसरे में फंसकर पूरी तरह से जकड़ बना लेते हैं और पटरियों में होने वाली कंपन बहुत कम हो जाती है। इसलिए पटरियों की कंपन को कम करने के लिए और जकड़ को बनाए रखने के लिए रेल की पटरियों के इर्द-गिर्द नुकीले पत्थर बिछाए जाते हैं।
पत्थर रेल की पटरियों के नीचे लगे कंक्रीट के बने स्लीपर को एक जगह स्थिर रहने पर मदद करते हैं। पत्थर नुकीले होते हैं इसलिए वह फिसलते भी नहीं।
इन पत्थरों के होने के कारण पटरियों के बीच कोई पेड़-पौधे भी नहीं उगते।
जब ट्रेन इन पटरियों पर दौड़ती है, तो इसका पूरा दबाव लकड़ी और इन पत्थरों पर पड़ता है। इससे रेल का भार आदि सब बैलेन्स हो जाते हैं। यही कारण है कि रेल की पटरियों पर छोटे छोटे नुकीले पत्थर रखे जाते हैं।
पटरियां जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर होती हैं जिससे बारिश का पानी भी नहीं रूकता। इसी कारण पटरियों के इर्द-गिर्द पत्थर बिछाए जाते हैं।n