रीता और गीता नाम की दो झगड़ालू बहुओ की पढ़े मजेदार कहानी

मोतीलाल के दो लड़कीया रहती है,जिनका नाम रीता और गीता रहता है।वे दोनों एकदूसरे से बोहत प्यार करते है इस कारण वह शादी के लिए दोनों लड़के एक ही घर के रहना चाहिए ऐसा कहते है। उनकी ये बात सुनकर मोतीलाल और उसकी बीबी सोचने लग जाते है की,उनको अब वैसा रिश्ता कहा से मिलेंगा।मोतीलाल वैसा रिश्ता देखता है और कुछ दिनों बाद उसे मोहन और सोहन नाम के दो लड़के एक ही घर के मिल जाते है।उसके बाद रीता की शादी मोहन से और गीता की शादी सोहन से हो जाती है।

ससुराल में आने के बाद दोनों बहने मिलजुलकर रहने लगती है।कुछ दिन तक साथ रहने के बाद अब वो दोनों बातो से अब झगड़ना सुरु कर देते है।रीता अपने पती मोहन से कहती है की सारा घर चलाने में हमारा ही पैसा जादा खर्च होता है और गीता अपने पती सोहन से कहती है की सारा घर चलाने में उनका ही जादा पैसा खर्च होता है।एक रीता अपने पती मोहन से कहती है की वो हर दिन सुबह श्याम घर का काम करती है और गीता मस्त अपने कमरे में आराम करती है।

वैसे ही गीता अपने पती सोहन से कहती है की,वह हर दिन सुबह श्याम का खाना बनाती है और रीता उसे बड़े आराम से खाती है।अब वे दोनों इतना झगड़ते है की वो अपने आँगन में दिवार बना देते है और घर का बटवारा कर लेते है।दोनों के झगड़े सुनकर अब पड़ोस वाले भी उनके घर को झगड़ालू बहुओ का घर के नाम से जानने लगती है।

घर का बटवारा होने के बाद मोहन और सोहन सोचते है की अब हम क्या करे तब वो एक दिन रीता और गीता के माता और पिता को अपने घर आने को कहते है।उसके बाद रीता और गीता आँगन में काम कर रही होती है तब उनको उनके माँ और पिताजी घर आते हुवे दिखते है।उनको आता देख रीता अपने घर में बुलाती है और गीता अपने घर में बुलाती है।

बेचारे माता पिता भी सोचने लग जाते है की हमने तो एक ही घर में अपने बेटियाँ दी थी फिर दो घर कैसे हो गये।तब मोतीलाल वही खड़ा होकर उनको एक बचपन की फोटो देना चाहता है।जब वे दोनों बहने वह फोटो देखते है तब उनको अपना बचपन याद आता है और वह फिर से गले लग जाते है।

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