रावण की नाभि में अमृत किसने स्थापित क्या था? जानिए
रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा और भाइयाें कुंभकरण तथा विभीषण के साथ ब्रह्मा जी का तप किया था। उससे खुश होकर ब्रह्माजी ने तीनों से वरदान मांगने को कहा।
तब विभीषण ने ज्ञान, शूर्पणखा ने सुंदरता और कुंभकरण ने निंद्रा में लीन होने का वर मांगा था। लेकिन रावण ने अमृत और ज्ञान का वरदान मांगा था।अमृत उसने अपनी नाभि में रख लिया था ताकि उसकी मृत्यु न हो सके।
रावण के आख्यानों में उसके मर्म स्थानों का उल्लेख मिलता है।