रामायण में हनुमान जी ने अपने पुत्र को किस राज्य का राजा बनाया था? जानिए

जब हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी गई थी तब वे लंका को जलाने के बाद पानी में कूद गए थे। वहां उनके तन से निकले पसीने को एक मछली ने पी लिया था उसी मछली के गर्भ से बलशाली मकरध्वज का जन्म हुआ।

मकरध्वज को अहिरावण ने अपने राज्य का द्वारपाल नियुक्त किया था। एक बार अहिरावण राम-लक्ष्मण को बलि देने के लिए पाताल लोक ले जाता है , और देवी निकुंजा के सामने बलि चढ़ाने के लिए तैयारी करने लगता है। उसी समय हनुमान जी उन्हें खोजते हुए पातालपुरी पहुंच जाते हैं।

द्वार पर अपने समान मकरध्वज को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं तब मकरध्वज अपने जन्म की कहानी उन्हें बताता है। इस बात पर हनुमान जी उसे रास्ते से हटने को कहते हैं लेकिन मकरध्वज अपने कर्त्तव्य का पालन करते हैं और हनुमान जी से युद्ध करते हैं।

इस युद्ध में मकरध्वज पराजित होते हैं और अहिरावण वध के बाद उन्हें पातालपुरी का अधिपति बना दिया जाता है।

बंधु समेत जबै अहिरावण लै रघुनाथ पताल सिधारो।

देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि,देउ सबै मिति मंत्र बिचारो

जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावण सैन्य समेत संघारो

को नहीं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो

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