ये है शिवपुराण मेें बताए गए 5 महापाप, इनकी सजा खुद देते है भोलेनाथ

हिन्दू धर्म में कुल 18 पुराण है, जिनमे शिवपुराण भी शामिल है | शिव पुराण में महादेव से जुड़े मंत्रो व कथाओं का वर्णन किया गया है | इन पुराणों में मनुष्य जीवन से जुडी भी कई बातो का जिक्र किया गया है | शिव पुराण में मनुष्य के कुछ ऐसे कामो का वर्णन किया गया है, जिनके करने से व्यक्ति पाप का भागी बनता है और उसके लिए नर्क के द्वार खुल जाते है | आज हम आपको ऐसे ही कुछ कामो के बारे मे बताने जा रहे है, जिनकी वजह से व्यक्ति पाप का भागी बनता है और उसके जीवन पर दुष्प्रभाव बनता है |

दुसरो का बुरा सोचना

शिवपुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति किसी के खिलाफ गलत विचार लाता है, अपने मन में किसी प्रति द्वेष भाव रखता है, वह पाप का भागी बनता है | इसीलिए कभी भी किसी का बुरा ना सोचे और अपने मन को नियंत्रित करने की कोशिश करे |

गलत बोलना

हमेशा लड़ाई झगड़े करने वाले लोग अक्सर लड़ाई के दौरान दुसरो को काफी कुछ गलत बोल जाते है | अपशब्दों का प्रयोग करना व्यक्ति को मौखिक पाप का शिकार बनाता है | शिवपुराण के अनुसार ऐसा करने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है | इसीलिए हमेशा लोगो से अच्छे से पेश आये |

शारीरिक कष्ट देना

किसी को शारीरक पीड़ा पहुंचना भी बड़ा पाप माना गया है | पेड़ पौधों को काटना, कीड़ो को बेवजह मारना और जानवरो को पीटना ये सभी घोर पाप की श्रेणी में आते है | इसीलिए कभी किसी को पीड़ा ना पहुंचाए |

निंदा करना

कुछ हमेशा दुसरो की बुराई और निंदा करने के आदि होते है | ऐसा करने वाले लोग पाप के भागी बनते है, अपने गुरुजनो, तपस्वी व वरिष्ठ लोगो की बुराई करना सही है | इसीलिए किसी की निंदा ना करे, सबके साथ सम्मानजनक व्यवहार स्थापित करे |

गलत काम

शिवपुराण के अनुसार ऐसा कोई भी काम करना जिससे परिवार की इज्जत कम होती है, समाज की सभ्यता पर आंच आती है | ऐसे काम व्यक्ति को पाप का भागी बनाते है | व्यर्थ के नशे करना भी समाज में व्यक्ति की इज्जत कम करता है, इसीलिए कभी भी ऐसे काम नहीं करने चाहिए |

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