यूवी कीटाणु शोधन टॉवर किसने विकसित किया?

भारत मे इसे DRDO ने विकसित किया है। 43 watt की UVC ट्यूबलाइट लगी है इसमे जो 254 nm फ्रीक्वन्सी पर काम करती है।

ये सब ठीक तो ठीक है पर आपको यह भी समझना चाहिए कि UV लाइट वायरस या किसी अन्य पैथोजेन को कैसे मारता है मतलब इसका mode of action क्या है? इसे हम UV sanitizer भी कह सकते हैं।

कोई भी पैथोजेन जनेटिक मटेरियल लिए होता है। ये जनेटिक मटेरियल या तो DNA होता है या RNA। SARS COV-2 के मामले मे यह एक positive sense RNA है। अभी positive sense को रहने दीजिए वो समझना थोड़ा जटिल है।

DNA 4 बेस से मिलकर बना होता है जिसे ATGC कहते हैं मतलब Adenine Thymine Guanine और Cytosine. RNA मे Thymine की जगह Uracil बेस होता है।

ये बेस एक के बाद एक एक विशेष क्रम मे सजे होते हैं। इसी विशेष क्रम मे सजे रहने के कारण प्राणी जगत मे इतनी विविधता है। सबके बेस की सजावट बस कुछ अलग है। इसलिए आपने अधिकतर लोगों को ये कहते सुना होगा हमारा DNA 98% चिमपांजी से मिलता है तो 50% केले से।

जब भी 2 Thymine या 2 Cytosine आस पास रहते हैं तो UV लाइट से उनके बीच एक बॉन्ड बन जाता है जिसे हम डाइमर (dimer) कहते हैं। ये डाइमर जब डीएनए की प्रतियां बनने की प्रक्रिया शुरू करती हैं तो उन्हे पूरा नहीं होने देता या कभी कभी प्रतियां बनने के बाद कोई गलत प्रोटीन बना देता है है। इसलिए UVC हमारे लिए काम की चीज है।

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