यूपी में नहीं होंगी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं, प्रोन्नत होंगे 48 लाख विद्यार्थी

यूपी बोर्ड रिजल्ट-2020: मातृभाषा हिंदी में सबसे अधिक 8 लाख फेल हुए छात्र

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 27 जून को 10वीं और 12वीके एक साथ नतीजे घोषित किए थे। साल 2020 में 56 लाख छात्र पंजीकृत थे। हाईस्कूल में 83.31% और इंटरमीडिएट में 74.63% छात्र पास हुए हैं।

लेकिन यदि विषयवार पास छात्रों की संख्या देखें तो रिजल्ट बेहद चौंकाने वाले हैं। यूपी में हिंदी हर कोई बोलता है। हिंदी के उत्थान के लिए तमाम कार्यक्रम आयोजित होते हैं। लेकिन हिंदी विषय में लगभग 7.98 लाख से छात्र फेल हो गए। जबकि,
2.39 लाख छात्रों ने हिंदी के पेपर को छोड़ दिया था। साल 2020 के
जारी रिजल्ट के अनुसार, 12वीं में 2.70 लाख छात्र हिंदी के पेपर में
फेल हुए हैं,

वहीं कक्षा 10वीं में यह संख्या 5.28 लाख है। इस बात से अंदाजा लगाया जाता सकता है छात्र कितनी बड़ी संख्या में हिंदी के पेपर को नजरअंदाज कर रहे हैं। देश के सबसे बड़े हिंदी भाषा राज्य के प्रदेश में बीते वर्ष 2019 में हिंदी में फेल छात्रों की संख्या 10वीं-12वीं की कक्षा में 10 लाख छात्र हिंदी के पेपर में फेल हो
गए थे।

वहीं साल 2018 में कुल 56 लाख छात्रों में से, 11 लाख से
अधिक लोग यूपी बोर्ड की 10वीं-12वीं में हिंदी के पेपर में असफल
रहे थे। बता दें, जो छात्र इस साल हिंदी के पेपर में फेल हुए हैं उन्हें
सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका किया जाएगा।

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