Here wives remain like widows for husband's protection

यहां पति की सुरक्षा के लिए पत्नियां विधवा के समान रहती हैं

आज भी हमारे यहां कई ऐसी जगह हैं जहाँ की परम्पराये सोचने पर मजबूर कर देती हैंl हैरानी वाली बात तो यह हैं की लोग आज भी ऐसे रिवाजों का पालन कर रहे हैंl ऐसी ही एक अजीब परंपरा गछवा समुदाय के लोगो मैं हैंl यह समुदाय उत्तरप्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों मैं रहता हैंlयहां के लोग तरकुलहा देवी को मानते हैं.

ये लोग अपनी आजीविका के लिए ताड़ के पेड़ से ताड़ी निकलने का काम करते हैंl इस काम मैं कभी भी कोई भी दुर्घटना होने की संभावना रहती हैंl क्योंकि ये ताड़ के पेड़ बहुत ऊंचे ऊंचे होते हैंl इनकी ऊंचाई लगभग 60 फिट के आस पास होती हैं.

यहां के लोग ये काम सावन के पहले के चार महीनों मैं करते हैं l इन लोगो की पत्नियां इनकी रक्षा के लिये इन चारो महीनों मैं विधवा जैसा जीवन जीती हैं.

ताकि उनके पति को इस काम मैं कोई नुकसान ना पहुंचे और वे सलामत रहेl ये औरते अपने सुहाग की सारी चीजें इनकी देवी माता को चढ़ा देती हैंl और देवी माँ से पति की रक्षा की प्रार्थना करती हैं. औरतों को देवी माँ पर विश्वास रहता हैं की जब उनके पति ताड़ी निकलने का काम करेंगे तो देवी उनकी रक्षा करेंगी।

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