यहां की औरतें करती हैं पांच आदमियों के साथ शादी जानिए यहां की बहुपति प्रथा के बारे में
हमने महाभारत में द्रोपदी के पांच पति होने की बात सुनी है| यह बात कुछ अटपटी लगती है लेकिन प्रैक्टिकली यह संभव है|
हम आपको भारत में प्रचलित इस प्रथा से रूबरू करा रहे हैं|
यह प्रथा एक जगह नहीं बल्कि देश में अनेक स्थानों पर आज भी प्रचलित है और बखूबी निभाई जा रही है|
25 वर्षीय रज्जो, इनके एक नहीं 4 पति है, रज्जो और उसके चारों पति एक ही कमरे में जमीन पर चटाई बिछाकर सोते हैं|
रज्जो का एक बच्चा है लेकिन वह किस भाई का है यह उसे पता नहीं| रज्जो की शादी इन चारों भाइयों में सबसे बड़े गुड्डू के साथ हुई थी उसके बाद परंपरा के अनुसार बाकी तीन भाइयों से भी उसका विवाह रचा दिया गया|
सभी भाई उसके साथ शारिरिक संबंध रखते हैं लेकिन किसी को भी इस बात की कोई जलन नहीं है। वे एक संपूर्ण खुशहाल परिवार की तरह रहते हैं।
ये प्रथा उत्तराखंड और हिमाचल के कई गांवों में आज भी प्रचलित है|
एक पत्नी के बहू पति होने के पीछे कई तरह के सामाजिक और आर्थिक कारण है|
इस प्रथा में पतियों की जिम्मेदारी बच्चों को और घर को संभालना है और इसमें औरतें धन की जिम्मेदारी संभालती हैं।
हिमाचल प्रदेश के इस क्षेत्र में एक युवती सभी सगे भाईयों से शादी बनाती है। इस रिवाज के पीछे इस क्षेत्र के लोगों के अपने तर्क और कारण हैं।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के लोगों के मुताबिक यह परंपरा का पांडवों के अज्ञातवास के समय से चली आ रही है। कहते हैं कि यहां अज्ञातवास के दौरान पांचों पांडवों ने समय बिताया था।जब विवाह होता है तो सभी भाई एक साथ दूल्हा बनकर दुल्हन से शादी रचाते हैं| पर दुल्हन रात में किस भाई के साथ रहेगी उसका फैसला टोपी करती है।
अगर कोई भाई पत्नी के साथ कमरे में होता है तो कमरे के दरवाजे पर अपनी टोपी रख देता है। सभी भाई इस रीती का पालन करते हैं और दरवाजे पर टोपी रखी होने के स्थिति में दूसरा कोई भाई कमरे में नहीं घुसता ।
इस जिले में समाज महिला प्रधान है यहां घर की मुखिया महिला होती है। महिलाओं की जिम्मेदारी पति व संतानों की सही ढंग से देखभाल करना होती है। परिवार की सबसे बड़ी महिला को गोयने कहा जाता है और उसके सबसे बड़े पति को गोर्तेस कहते हैं जो घर का स्वामी।
इस समाज में शराब को बुरा नहीं माना जाता| तंबाकू और गीत गायन भी दिल को सुकून देने के लिए प्रचलित है|
इस परंपरा के समर्थकों का कहना है कि इससे जनसंख्या भी नियंत्रित रहती है और भाइयों में संपत्ति के बंटवारे को लेकर झगड़े भी नहीं होते|
यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया, डेविस (यूसी डेविस),की रिसर्च में सामने आया है कि बहु-पति प्रथा महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
रिसर्चर एंथ्रोपोलॉजी एक्सपोर्ट मोनिक बोर्जरहोफ का कहना है कि बहु-विवाह करना उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जहां जीवन कठिन परिस्थितियों में गुजरता है| इस व्यवस्था से परिवार का आर्थिक संकट कम से कम होता है और छोटी संपत्ति होने पर उसका बटवारा ना होने से आगे चलकर वह बरकरार रहती है|