यहां कामधेनु शंख को घर पर रखने के 5 फायदे बताए गए हैं, जानिए कैसे

समुद्र मंथन के दौरान, देव-दानव संघर्ष के दौरान समुद्र से 14 बहुमूल्य रत्न मिले थे। जिसमें शंख का जन्म आठवें रत्न के रूप में हुआ था। स्वाभाविक रूप से शंख कई प्रकार के होते हैं। देव शंख, चक्र शंख, रक्षा शंख, शनि शंख, राहु शंख, पंचमुखी शंख, वालमपुरी शंख, बुद्ध शंख, केतु शंख, शेषनाग शंख, कच्छ शंख, सिंह शंख, कुबेर गदा शंख, सुदर्शन शंख आदि।

शंख के मुख्य प्रकार:

बाएं, दाएं और गणेश शंख या मध्यवर्ती शंख। इनमें गणेश शंख, पांचजन्य, महालक्ष्मी शंख, पुंडरा, कौरि शंख, मोती शंख, अनंतविजय शंख, मणि पुष्पक और सुघोषमनी शंख, वीणा शंख, ऐरावत शंख शामिल हैं।

कामधेनु शंख:

यह शंख बहुत दुर्लभ है। शंख के दो मुख्य प्रकार हैं। एक गोमुखी शंख और दूसरा कामधेनु शंख। इस शंख को कामधेनु शंख के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह गाय के मुंह के समान होता है।

कामधेनु शंख के 5 लाभ:

1. ऐसा कहा जाता है कि कामधेनु शंख की पूजा करने से तर्क शक्ति बढ़ती है। इस शंख को घर पर रखने से मन प्रसन्न रहता है।

2. महर्षि पुलस्त्य और ऋषि वशिष्ठ ने लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस शंख का उपयोग किया था।

3. पौराणिक कथाओं में इसका उपयोग करने से धन और समृद्धि हमेशा के लिए बढ़ सकती है।

4. कामदेव के शंख को घर में रखने से सभी मानसिक कार्य पूरे होते हैं। कलियुग में, मानव की इच्छा पूर्ति का एकमात्र साधन है। इस शंख को कल्पना को पूरा करने के लिए भी कहा जाता है।

5. कामधेनु शंख मंत्र: ओम नमः गोमुखी कामधेनु शंखाय मम सर्वकार्य सिद्धि कुरु-कुरु नमः ।।

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